लगातार चार बार विरोधियों को पटखनी दे चुकी है बसपा
जनपद की मानिकपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में सभी प्रमुख दलों के प्रत्याशियों लंबरदारों ने अपना पूरा दम लगा रखा है। कभी इस सीट पर लगातार चार बार विजय पताका लहराकर विरोधियों को चारों खाने चित्त करने वाली बसपा अपने दिन लौटने के इंतजार में है तो वहीं कांग्रेस व सपा की उम्मीदें कायम हैं जबकि सत्तासीन भाजपा खुलकर ताल ठोंक रही। इस सीट के इतिहास पर नजर डालें तो यहां से बसपा के कद्दावर नेता रहे दद्दू प्रसाद ने सन 1996, 2002 व 2007 में लगातार तीन बार जीत का स्वाद चखा। इसके बाद सन 2012 में पार्टी ने चंद्रभान सिंह पटेल को प्रत्याशी बनाया और उन्होंने लगातार चौथी बार पार्टी को विजय दिलाई। इसके इतर सन 1993 व 2017 में इस सीट पर भाजपा ने जीत दर्ज की। कांग्रेस को सन 1962, 1969 व 1982 में यहां जीत हांसिल हुई।
बदहाल ही रहा पाठा
इन सबके बावजूद आजादी के बाद से अब तक मानिकपुर विधानसभा सीट यानी पाठा की बदहाली दूर न हो सकी। इलाके का पेयजल संकट तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना मुकाम बना चुका है। बिजली व सड़क तथा शिक्षा जैसी मूलभूत समस्याएं आज तक धरातल पर बनी हुई हैं। अधिसंख्य संख्या में मौजूद कोल आदिवासी सिर्फ वोटबैंक बनकर रह गए हैं हर पार्टी के लिए। दस्यु समस्या ने इलाके को विकास से कोसों दूर रखने में अहम भूमिका निभाई है। बावजूद इसके एक बार फिर नेताओं की टोली पाठा की चौखट पर वादों की फुलझड़ी लाई है जिसका नतीजा भी जल्द देखने को मिलेगा।
ये प्रत्याशी हैं मैदान में
इस सीट से भाजपा ने भाजपा ने आंनद शुक्ला कांग्रेस ने महिला प्रत्याशी के रूप में रंजना पांडेय को उतारा है चुनावी रणक्षेत्र में तो वहीं सपा ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ उपाध्यक्ष डॉ निर्भय सिंह पटेल व बसपा ने राजनारायण कोल को प्रत्याशी बनाया है।