यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के सामने समस्याओं की लम्बी लिस्ट लेकर मुलाकात करने के साधू-संतों के इरादों को इस बार झटका लग गया क्योंकि सीएम की मुलाकात उनसे न हो सकी। आमतौर पर धार्मिक प्रवृत्ति के माने जाने वाले सीएम योगी जब किसी धर्म क्षेत्र के दौरे पर होते हैं तो वहां के साधू संतो से जरूर मिलते हैं ऐसा कई बार देखा गया है लेकिन इस बार भगवान राम की तपोस्थली चित्रकूट के दौरे पर आए सीएम योगी ने किसी भी मठ मन्दिर आश्रम या अखाड़ों के प्रतिनिधियों से मुलाकात नहीं की। इसको लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म भी है की क्या साधू संतो से सीएम की दूरियों की कुछ वजह रही जबकि सीएम योगी का रात्रि विश्राम भी चित्रकूट में प्रस्तावित था।
कई मुद्दे रह गए अनछुए धर्म नगरी के कई महत्वपूर्ण मुद्दे अनछुए रह गए सीएम के दौरे के दौरान। दौरे का मकसद कानून व्यवस्था व विकास कार्यों की समीक्षा करना था, लेकिन कई मूलभूत मुद्दे सीएम का इंतजार करते रहे कि शायद उनकी तरफ भी नजरें इनायत हो जाएं। सबसे महत्वपूर्ण पवित्र मंदाकिनी को प्रदूषणमुक्त करने का मुद्दा जिसका सीएम ने पिछले(2017 में 22 अक्टूबर को) दौरे के दौरान खासतौर पर जिक्र किया था साधू संतों के साथ बैठक में उसे इस बार बिल्कुल नेपथ्य के पीछे रखा गया। धर्म नगरी के तीर्थ क्षेत्रों के विकास को लेकर संतों ने कई ज्ञापन तैयार कर रखे थे, जिन्हें सीएम को देना था, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।
चित्रकूट को बताया- महत्वपूर्ण साधना स्थली इसके इतर सीएम योगी ने चित्रकूट को महत्वपूर्ण धार्मिक व पौराणिक क्षेत्र बताते हुए इस क्षेत्र की महत्ता को अपने जीवन के साथ जोड़ते हुए कहा कि उन्होंने अपने जीवन की एक महत्वपूर्ण साधना का निर्वहन यहीं पर किया था। चित्रकूट को हर दृष्टिकोण से विकसित किया जाएगा।