सीएम योगी अपने कार्यकाल के दौरान सातवीं बार चित्रकूट दौरे पर पहुंचे। इससे चित्रकूट के विकास को पंख लगने की उम्मीदें और बढ़ गई हैं। इसके पहले दौरों में सीएम बुंदेलखंड को पर्यटन हब बनाने की घोषणा कर चुके हैं, जिस पर अमल भी हो रहा है। उसी क्रम में वाल्मीकि आश्रम में भी करोड़ों रुपए के विकास कार्य कराए जा रहे हैं। योगी आदित्यनाथ अपने कार्यकाल के दौरान सबसे ज्यादा बार चित्रकूट आने वाले मुख्यमंत्री बन गए हैं। वह यहां सातवीं बार आए हैं। इससे पहले तीन बार मुख्यमंत्री रात में रुक कर कामदगिरि परिक्रमा भी लगा चुके हैं। बाकी योजनाओं के लोकार्पण समेत दूसरे कार्यक्रमों में वह चित्रकूट दौरे पर आए।
मुख्यमंत्री योगी ने भारत माता की जय और वंदेमातरम के नारे के साथ संबोधन शुरु किया। सम्बोधन में उन्होंने कहा कि भारत के रामायणकालीन अति प्राचीन परंपरा के वाहक दो ऋषियों की जयंती है। पहले महर्षि वाल्मीकि, जिन्होंने भगवान राम से साक्षात्कार कराया है। प्रधानमंत्री मोदी को आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना देने वाले राष्ट्रऋषि नानाजी की जयंती है। दोनों को नमन करता हूं। उन्हाेंने कहा कि अर्से पहले से यहां आना चाहता था। हजारों साल पहले भगवान राम प्रयाग आए। वहां से महर्षि वाल्मीकि से मिलकर चित्रकूट गए थे। जो कि हजारों वर्षों की विरासत को समेटे रामायणकाल का स्मरण कराता है। मैं स्वयं इस धरती का दर्शन करना चाहता था। वाल्मीकि के दर्शन को पूज्य तुलसी ने रामकथा घर-घर पहुंचाई। हर क्षेत्र में बदलाव दिखने लगा है। प्रभु श्रीराम का चित्रकूट आज नए कदम बढ़ा रहा है। यही तो रामराज्य है, जहां किसी प्रकार की कोई भेदभाव नहीं है।
सीएम ने गिनाईं सरकार की उपलब्धियां
सीएम योगी ने केंद्र और प्रदेश सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना से घर-घर तक व्यवस्था पहुंचाएंगे। हमारे कार्यकाल में 500 साल के अंतराल के बाद अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण शुरू हो गया है। कोरोना नहीं होता तो हर गांव से एक व्यक्ति अयोध्या जरूर जाता। कोरोना खत्म होने पर हर गांव से लोगों को कारसेवा कराएंगे। हमने बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे दिया। कुछ दिन में चित्रकूट बांदा के पेयजल घर-घर पहुंचाएंगे। डिफेंस कॉरीडोर के लिए कह दिया है। विंग कमांडर अभिनंदन को छुड़ाने में पाकिस्तानी कांप रहे थे। वह तोपें चित्रकूट में बनेंगी।
महर्षि बाल्मीकि बताया पूजनीय
मुख्मंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महर्षि बाल्मीकि हमारे पूज्य हैं। उन्होंने ही हम सबका राम से साक्षात्कार कराया। वाल्मीकि रामायण लौकिक भाषा का महाकाव्य है। इसीलिए वो आदिकवि कहलाए। दुनिया मे राम को पहुंचाने का श्रेय महर्षि बाल्मीकि को जाता है। यतो धर्म: ततो जय: इसलिए धर्म के संरक्षण में जुटें। महर्षि वाल्मीकि आश्रम व सरंक्षण संवर्धन की ठोस कार्ययोजना बनाए। आधुनिक वाल्मीकि तुलसी जी ने राजपुर में जन्म लेकर रामचरित मानस दिया। जब धर्म जागरण गुनाह माना जाता था। गांव गांव में रामलीला मंचन हो रहा।
पर्यटन का नया स्वरूप करेंगे विकसित
लालापुर और राजापुर को जोड़कर पर्यटन का नया स्वरूप विकसित करेंगे। बुंदेलखंड में चित्रकूट वायुसेवा से जुड़ेगा। पहाड़ी पर हवाई अड्डा पर उतरने का सौंदर्य होगा। ग्रामीण क्षेत्र को स्वावलंबन की दिशा में बढ़ाएंगे। नानाजी के सपने को साकार करना है। उन्होंने आधुनिक भारत मे ग्रामीण स्वावलंबन का सपना देखा था। उसके हम सभी एक साथ जुटेंगे। अपने संबोधन को समाप्त करते वे बोले कि आज शरद पूर्णिमा है। आप सभी अपने जीवन को धन्य करें। इस दौरान उन्होंने रामायण पर शोध की कार्ययोजना बने व तुलसी जन्मस्थली के विकास पर पूरा जोर दिया।