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…तो कोल आदिवासी करेंगे चुनाव का बहिष्कार, बोले-हर बार छला गया

locationचित्रकूटPublished: Mar 20, 2019 04:42:17 pm

Submitted by:

Ashish Pandey

कहा-किसी सरकार ने सुध नहीं ली, चुनाव के समय सभी पार्टियां बड़े-बड़े वादे कर उनका मसीहा बनने का दिखावा करती हैं।
 

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…तो कोल आदिवासी करेंगे चुनाव का बहिष्कार, बोले-हर बार छला गया

चित्रकूट. नीति नियंताओं की वादाखिलाफी व अपनी उपेक्षाओं से त्रस्त कोल आदिवासियों ने मतदान बहिष्कार का निर्णय लिया है। कोल आदिवासी बाहुल्य जनपद के पाठा क्षेत्र के गांव के आदिवासियों ने यह ऐलान किया है कि वे लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे। आदिवासियों का कहना है कि आज तक वादों से सिर्फ उन्हें छला गया है। आज तक उन्हें जनजाति का दर्जा नहीं मिल पाया। किसी सरकार ने उनकी सुध नहीं ली और चुनाव के समय सभी पार्टियां बड़े-बड़े वादे कर उनका मसीहा बनने का दिखावा करती हैं।
…तो करेंगे चुनाव का बहिष्कार

जनपद के पाठा क्षेत्र के मानिकपुर विकासखण्ड के एलहा उंचाडीह गांव के कोल आदिवासियों ने चुनाव के बहिष्कार का निर्णय लिया है। गांव के ओमप्रकाश कोल, कमलेश कोल, श्रीकांत कोल, सनत कोल, रामबिहारी कोल, श्याम कोल, भोला कोल आदि कोल आदिवासियों का कहना है कि हर सरकार ने वादे तो किए लेकिन जमीनी स्तर पर उनके लिए कोई काम न हुआ। यहां तक कि उन्हें जनजाति का दर्जा तक नहीं मिला आज तक जबकि कई बार नेताओं ने वादे किए। कोल आदिवासियों के मुताबिक हर बार उन्होंने सरकार से लेकर नेताओं तक से जनजाति का दर्जा दिलाने की मांग की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इससे अजीज होकर इस बार इलाके के कोल आदिवासी चुनाव का बहिष्कार करेंगे।
निर्णायक भूमिका में हैं कोल आदिवासी
चुनाव में निर्णायक भूमिका में रहते हैं कोल आदिवासी। जनपद के पाठा बेल्ट यानी मऊ मानिकपुर विधानसभा क्षेत्र में लगभग 40 हजार के ऊपर कोल आदिवासियों की संख्या है जो विधानसभा से लेकर लोकसभा चुनाव में खासी महती भूमिका निभाते आए हैं। यह भी सत्य है कि आज तक इन आदिवासियों को वोटबैंक के रूप में बखूबी इस्तेमाल किया गया सियासत के मंझे हुए खिलाडिय़ों द्वारा। इसके इतर शिक्षा स्वास्थ्य रोजगार के आईने में आजादी के बाद से अब तक इन कोल आदिवासियों की दयनीय दशा में कोई खास सुधार नहीं हुआ, अलबत्ता यहां के डकैतों ने जरूर इसका फायदा उठाया और कोल बिरादरी के कई युवकों को खूंखार डकैतों ने अपना शागिर्द बना लिया।
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