भूख से बिलबिला रहे बेजुबान लॉकडाउन ने जहां इंसानी जिंदगी को थाम सा दिया है वहीं बेजुबानों की चहलकदमी बढ़ गई है. ये चहलकदमी भूख से बिल तड़पने की है. जंगली पशुओं जानवरों के इतर इंसानी बस्तियों में इंसानों के बीच रहने वाले मासूम बेजुबान सड़कों के सन्नाटे को बेबस निगाहों से देखते नजर आते हैं. सड़कों पर पुलिस तैनात है. हर सम्भव मदद की जा रही है लेकिन इस मदद की पहली प्राथमिकता इंसान हैं. रोटी अन्न की तलाश में भटकते जानवर हर उस व्यक्ति को देखकर उम्मीद में जी उठते हैं कि शायद उन्हें भी कुछ मिल जाए पेट की आग शांत करने के लिए.
शुरू हुआ ये काम
भगवान राम की तपोभूमि में लॉकडाउन सफल चल रहा है. परन्तु इससे यहां सबसे ज्यादा जो बेजुबान प्रभावित हो रहे हैं वे हैं “बंदर” यानी वानर सेना. तपोभूमि के तीर्थ क्षेत्रों में हजारों की संख्या में वानर सेना आम दिनों में उछल कूद करती नजर आती है लेकिन इस समय ये सिर्फ अपनी उदर अग्नि शांत करने को व्याकुल हैं. प्रतिदिन भारी संख्या में तीर्थ यात्रियों के द्वारा इन्हें भरपूर फल चना रोटी आदि खाने को मिलता है परन्तु इस समय हालात बिल्कुल विपरीत हैं. ऐसे में भाजपा ने वानर सेना के भोजन का भी उपाय शुरू किया है. जिसके तरह भगवान कामदगिरि परिक्रमा मार्ग पर पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा हजारों बंदरों को फल अनाज आदि खिलाया जा रहा है. जिलाध्यक्ष चन्द्र प्रकाश खरे ने इसके लिए कुछ कार्यकर्ताओं की टीम भी बनाई है. जो इस लॉकडाउन में इन बेजुबानों का भी ख्याल रखेगी.