ई रिक्शा से पहुंचा रहे खाना लॉकडाउन के चलते गरीबों मजदूरों के सामने उत्पन्न हुए भूख के संकट का पटाक्षेप कर रही है युवा शक्ति. प्रशासन की मदद के इतर युवाओं का संगठन हर भूखे को भोजन उपलब्ध कराने का बीड़ा उठा चुका है. बतौर उदाहरण युवा व्यापार मंडल के युवा व्यापारियों द्वारा सीता रसोई के माध्यम से ई रिक्शा के द्वारा गांव-गांव बस्ती-बस्ती भोजन वितरण किया जा रहा है. ई रिक्शा के पहुंचते ही उदर अग्नि में जल रहे मासूमों से लेकर हर जरूरतमंद अपनी क्षुधा शांत करता है. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग सेनेटाइज करने आदि का भी ख्याल रखा जाता है.
युवा व्यापारियों ने शुरू की है “सीता रसोई” जनपद के युवा व्यापारियों ने भूखों का पेट भरने के लिए सीता रसोई की शुरुआत की है. इसमें स्वयं सेवी संगठनों की मदद भी ली जा रही है. व्यापारी वर्ग के अलग अलग संगठन पूरी तन्मयता से मनुष्यता गरीबों जरूरतमंदों की सेवा में लगे हैं. बतौर उदाहरण युवा उद्योग व्यापार मंडल ने प्रतिदिन मजदूरों गरीबों की उदर अग्नि शांत करने का बीड़ा उठाया है सीता रसोई के द्वारा. राहुल गुप्ता, अंकित केशरवानी, प्रदीप गुप्ता आदि युवा व्यापारी भूखों को प्रतिदिन भोजन उपलब्ध करवा रहे हैं. गरीबों जरूरतमंदों को दिए जाने वाले इस भोजन में शुद्धता पौष्टिकता का पूरा ख्याल रखा जाता है.
बेजुबानों का भी ख्याल
सिर्फ इंसान ही नहीं बेजुबानों का भी ख्याल रखने वाले कम नहीं. सैकड़ों हजारों की संख्या में विचरण करते बंदरों के खाने की प्रतिदिन व्यवस्था की जा रही है. इसमें साधू संतों से लेकर आम लोग तक शामिल हैं.