माथे पर चिंता की लकीरें चेरे पर मायूसी
कई वर्षों से सूखे की मार झेल रहे बुंदेलखण्ड में इस बार इंद्र देव की कृपा से बारिश ने ठीक ठाक उपस्थिति दर्ज कराई लेकिन अब इसी बारिश ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है। खरीफ की प्रमुख फसलें(ज्वार बाजरा तिल मूंग अरहर) अत्यधिक बारिश की वजह से प्रभावित हो गई हैं अलबत्ता धान के दिन लौट आए हैं और इसकी फसल इस बार जमकर लहलहाएगी ऐसी उम्मीद की जा रही है। धान के आलावा ज्वार बाजरा मूंग तिल अरहर की खेती करने वाले अधिसंख्य किसान मायूस हो गए हैं।
हजारों बीघे फसल प्रभावित
दूसरी तरफ खेतों में जलभराव की वजह से हजारों बीघे खरीफ की फसल प्रभावित हो गई है। यमुना नदी के किनारे बसे जनपद के मऊ व् राजापुर थाना क्षेत्र के लगभग दो दर्जन से अधिक ग्रामीण इलाकों में खेती प्रभावित हुई है कुछ दिनों से यमुना के बढ़ते जलस्तर के कारण। अनुमान के मुताबिक कई हजार बीघे की खेती प्रभावित है पानी की वजह से। नदी के किनारे बसे चिल्लीमल, विलास, तीर धुमाई, बिहरवा, बकटा खुर्द, हस्ता, मवई कला, मऊ, बरवारा, भदेदू आदि गांवों की खेती प्रभावित है जल भराव से। किसानों का कहना है पहले अत्यधिक बारिश और फिर बढ़े जल स्तर के कारण खेतों में पानी भर गया है जिससे फसलें नष्ट होने की पूरी संभावना है।