चित्रकूट

पुलिस वाले घर आकार साथ खाना खाते थे, तो बेटा अपराधी कैसे? डकैत की माँ ने मांगा सरकार से जवाब

उत्तर प्रदेश में शुक्रवार की रात हुए एसटीएफ़ एनकाउंटर में डकैत गौरी यादव को मारने का ऐलान किया गया। वहीं डकैत की माँ ने कई ऐसे राज भी सबके सामने आकर बताए जिसके बाद प्रदेश की पुलिस पर फिर से सवालिया निशान उठने लगे हैं।

चित्रकूटOct 31, 2021 / 12:12 pm

Dinesh Mishra

पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क
चित्रकूट. यूपी एसटीएफ़ ने एक दिन पहले चित्रकूट क्षेत्र मे दस्यु गौरी यादव को एनकाउंटर में मारने का दावा किया। पुलिस की ओर से कहा गया कि क्षेत्र में अब शांति का माहौल है। जबकि एसटीएफ मुठभेड में मारे गये दस्यु गौरी यादव की मां रजनी देवी ने जो बातें बताई उसके बाद एक बार फिर से एसटीएफ और पुलिस के इस एंकाउंटर पर सवाल उठना लाजिमी है। वहीं इसके पहले इसी गैंग के एक सदस्य को फर्जी एंकाउंटर मे मारने पर कोर्ट ने एसटीएफ़ और पुलिस के 17 लोगों पर एफ़आईआर का आदेश पहले ही दिया जा चुका है।
दस्यु सरगना गौरी यादव की माँ रजनी देवी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि “पिछले कई सालों से मैंने बेटे को नहीं देखा था। लेकिन 6 साल पहले जब वो साथ रहता था तो कई पुलिस वाले लगातार घर पर आते थे। कई बड़े अधिकारियों के साथ वो खाना खाता था। फिर मेरा बेटा अपराधी कैसे हो गया? अगर वो अपराधी था तो पुलिस वाले पहले क्यों घर पर आते थे?”
कैसे बना था अपराधी

गौरी यादव की माँ रजनी देवी शनिवार देर शाम तक पोस्ट मार्टम हाउस के बाहर बैठी रही। डकैत की मां रजनी देवी ने बताया कि उसने पुत्र को पैदा किया है। उसका अन्तिम संस्कार वह ही करेगी। गौरी मारा खबर सुनकर भागते हुए यहां आई है। उसकी एक झलक पाने को वह बेचैन है।
कुछ गाँव वालों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि बेलहरी गांव के गौरी यादव पहले सामान्य लोगों की भांति था। तीस साल पहले डकैत ददुआ और ठोकिया के आतंक से एसटीएफ ने उसे अपना मुखबिर बनाया था। वह डाकुओं के साथ उठ-बैठकर पुलिस को जानकारी देता था।
गौरी यादव किसी उत्पीडन से डाकू नहीं बना। बल्कि पुलिस ने ही उसे अपराधी बनाया। क्योंकि कई घटनाओं की जानकारी खुद पुलिस को होती थी। फिर पुलिस की शह पर ही डाकुओं कि मुखबिरी से तौर-तरीके सीखते हुए उसके हौसले बढते गये। हथियार चलाना भी आ गया। इससे वह लोगों को डराने-धमकाने का काम करने लगा। पाठा क्षेत्र में हनक बनाने की गरज से वह अपराध की दुनिया में उतर गया था।
दस्यु सरगना की माँ रजनी देवी के आरोपो पर कितनी सच्चाई

चित्रकूट में पिछले कई सालों से फेक एंकाउंटर पर कोर्ट भी सख्त है। मारे गए गौरी यादव गैंग के ही एक सदस्य भालचन्द्र का एंकाउंटर एसटीएफ़ ने मार्च 2021 में किया था। जबकि कोर्ट ने इसे फेक एंकाउंटर मानते हुए ‘एसटीएफ़ और पुलिस के 17 अधिकारियों पर एफ़आईआर’ के आदेश जारी कर दिये हैं।
उस समय दस्यु सदस्य मारे गए भालचंद्र की पत्नी नथुनिया मध्य प्रदेश के सतना जिले की रहने वाली है। नथुनिया के अधिवक्ता राजेन्द्र यादव की अप्लीकेशन पर ही कोर्ट ने अधिकारियों पर एफ़आईआर दर्ज की है।
पत्नी नथुनिया ने अपर सत्र न्यायाधीश को दिए प्रार्थना पत्र में बताया कि उनके पति 31 मार्च 2021 को अपने भाई लालचंद्र के साथ सतना न्यायालय में पेशी पर गए थे। उनके लौटते समय एक सफेद रंग की स्कॉर्पियो गाड़ी ने सतना जिले के कोठी कस्बा पर उनको ओवरटेक करके मोटर साइकिल से गिरा दिया।
इसके बाद चित्रकूट पुलिस और यूपी एसटीएफ के जवानों ने गाड़ी में पीटते हुए डाल लिया। यानी का सतना जिले से भालचंद का अपहरण कर चित्रकूट लाए। ऐसे में अब गौरी यादव एंकाउंटर में सच्चाई है या गौरी यादव की माँ के आरोपो में ये तो आने वाले समय में कोर्ट ही बताएगा। लेकिन यूपी में जिस तरह से फेक एंकाउंटर का माहौल चल रहा है उससे पूरे विभाग पर ही प्रश्न चिन्ह उठता दिखाई दे रहा है।

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