पुलिस की कच्ची रणनीति इन सबके बीच सुबह से लेकर शाम तक चली मुठभेड़ (पुलिस के मुताबिक) में गैंग का बच निकलना पुलिस की कच्ची रणनीति की ओर इशारा कर रही है। इतनी लम्बी मुठभेड़ के बावजूद भी डकैतों का बीहड़ में विलीन हो जाना इस बात का संकेत है कि डकैत बीहड़ों के चप्पे चप्पे से वाकिफ हैं और दो राज्यों की सीमावर्ती भौगोलिक स्थिति का फायदा उठाते हुए खाकी को छकाते हुए जंगल में लुप्त हो जाते हैं। इधर सूत्रों के मुताबिक गैंग के खास सदस्य के घायल और गिरफ्तार होने से सरगना बबुली बौखला गया है और अपनी दहशत को बदस्तूर कायम करने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। फ़िलहाल पुलिस की कई टीमें अभी भी जंगलों में सर्च ऑपरेशन चलाते हुए कॉम्बिंग कर रही हैं।
खाकी को खुली चुनौती खाकी को खुली चुनौती देने वाला कुख्यात बबुली एक बार फिर किस्मत का धनी निकला और खाकी की गोलियों का निशाना बनने से बच गया। कई घण्टों की मुठभेड़ के दौरान भी गैंग सरगना पुलिस के राडार पर नहीं आ सका और बीहड़ में भाग निकला। अलबत्ता गैंग के एक हार्डकोर मेंबर के हत्थे चढ़ने से जरूर खाकी को थोडा उत्साहित होने का मौका मिला है और गैंग भी सदमें में है क्योंकि जिस डकैत को मुठभेड़ में गोली लगी है वो गैंग का खास सदस्य बताया जा रहा है। गैंग तक रसद सामग्री से लेकर कारतूस तक सप्लाई करने करवाने की जिम्मेदारी इसी डकैत के ऊपर थी। पुलिस ने भी माना है कि उक्त डकैत गैंग का एक तरह से प्रमुख सप्लायर था।
कुख्यात रागिया का सिपहसलार रह चुका है जियालाल मुठभेड़ के दौरान पुलिस की गोली से घायल हुआ 25 हजार का इनामी डकैत जियालाल कोल गैंग का शार्प शूटर है। जियालाल ने बीहड़ की दुनिया में कुख्यात पांच लाख के इनामी दस्यु रागिया का खास सिपहसलार था। 2010 में मानिकपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत गिदुरहा गांव से रागिया गैंग द्वारा किए गए चार व्यक्तियों के अपहरण की वारदात में मुख्य भूमिका में था। रागिया की मौत के बाद बलखड़िया और उसकी मौत के बाद वर्तमान में खूंखार बबुली के साथ उसकी गैंग में शामिल था। बबुली के साथ मिलकर हर बड़ी वारदात को इस डकैत ने अंजाम दिया है। 24 अगस्त 2017 को हुई मुठभेड़ में दस्यु सरगना बबुली और अपने भांजे लवलेश कोल को घायलावस्था में सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने में इसकी बड़ी भूमिका पुलिस द्वारा बताई जा रही है।
कम हो रहे गैंग के हार्डकोर मेंबर पिछले 6 महीनों के दौरान यूपी और एमपी पुलिस ने गैंग के कई मददगारों सदस्यों को दबोचा है जिसकी वजह से गैंग के हार्डकोर मेंबर कम हो रहे हैं फिर भी गैंग में अभी भी दर्जन भर सदस्य आधुनिक हथियारों से लैस होकर विचरण करते हैं। शारदा कोल रज्जन पटेल जियालाल कोल जैसे प्रमुख सदस्यों के गिरफ्तार और मारे जाने के बाद गैंग में वर्तमान में सरगना बबुली कोल सहित लवलेश कोल, पंजाबी उर्फ़ चुंदई कोल चौधरी कोल रजौल कोल पप्पू कोल जैसे प्रमुख सदस्य मौजूद हैं।
गच्चा दे गई खाकी की कच्ची रणनीति पुलिस के मुताबिक शुक्रवार की रात मारकुंडी थाना क्षेत्र के जमुनिहाई जंगल में अमरावती आश्रम के पास गैंग की लोकेशन मिली और घेरेबंदी करते हुए मुठभेड़ हुई, इस दौरान कहीं न कहीं खाकी की रणनीति में कमी यह रह गई कि पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश के सीमावर्ती जनपदों रीवा और सतना की पुलिस से सही तरीके से संपर्क नहीं साधा गया अन्यथा गैंग की घेरेबंदी वृहद स्तर पर हो सकती थी। इसे आप डकैतों को मारने का श्रेय लेने की होड़ भी कह सकते हैं। हालांकि एमपी पुलिस ने भी सूचना मिलने पर अपनी ओर से सीमावर्ती इलाकों में कॉम्बिंग शुरू की थी।
तो गैंग के पास सेमी ऑटोमेटिक से लेकर मौजूद हैं अत्याधुनिक हथियार मुठभेड़ में गोली लगने से घायल जियालाल कोल ने भागने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उसे दबोच लिया। एसपी प्रताप गोपेंद्र के मुताबिक मुठभेड़ स्थल से सेमी ऑटोमेटिक के स्प्रिंग,भारी मात्रा में कारतूस और थ्री नॉट थ्री के भी कारतूस बरामद हुए हैं जबकि घायल जियालाल के पास से 315 बोर की राइफल और काफी मात्रा में कारतूस बरामद हुए हैं। यह इस बात की तस्दीक है कि गैंग के पास अत्याधुनिक हथियारों की कमी नहीं है।