scriptदीपदान को श्री राम की तपोस्थली में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब तिल रखने तक की जगह नहीं | Deeppan is not the place to keep the mauling of pilgrims in the place of Shri Ram's taposasthali | Patrika News

दीपदान को श्री राम की तपोस्थली में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब तिल रखने तक की जगह नहीं

locationचित्रकूटPublished: Nov 07, 2018 01:29:01 pm

दीपदान को श्री राम की तपोस्थली में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब तिल रखने तक की जगह नहीं

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दीपदान को श्री राम की तपोस्थली में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब तिल रखने तक की जगह नहीं

चित्रकूट: श्री राम की तपोस्थली चित्रकूट में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है. लाखों की संख्या में धर्मनगरी पहुंचे आस्थावान रामघाट स्थित पवित्र मंदाकिनी नदी में स्नान व दीपदान कर भगवान कामतानाथ पर्वत की परिक्रमा कर रहे हैं. भारी भीड़ के चलते तीर्थ क्षेत्र में तिल रखने तक की जगह नहीं बची है. हर तरफ आस्थावानों का सैलाब ही दिखाई पड़ रहा है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि श्री राम की तपोभूमि में दीपावली के अवसर पर दीपदान का क्या महत्व है. धनतेरस से शुरू होने वाला दीपदान मेला भाई दूज तक चलता है. ऐसी मान्यता व श्री रामचरितमानस सहित कई पौराणिक ग्रंथों में उल्लेख है कि लंका विजय के बाद प्रभु श्री राम अयोध्या लौटते समय चित्रकूट रुके थे और यहां के ऋषि मुनियों का आशीर्वाद लिया था और उस दौरान चित्रकूट में श्री राम के स्वागत व उनके अयोध्या लौटने की ख़ुशी में यहां के कोल भील आदि आदिवासियों ने दीप जलाए थे.
40 से 50 लाख श्रद्धालु पहुंचे


दीपावली के अवसर पर पवित्र मंदाकिनी नदी में स्नान दीपदान व भगवान कामतानाथ पर्वत की परिक्रमा करते हुए पुण्य लाभ अर्जित करने की कामना को लेकर 40 से 50 लाख श्रद्धालु धर्मनगरी पहुंच चुके है और यह क्रम निरंतर जारी है. आस्थावानों के इस सैलाब को देखते हुए यूपी व एमपी(मध्य प्रदेश) का पुलिस प्रशासन भी हैरान है. इतनी भारी संख्या में श्रद्धालुओं के उमड़ने का अनुमान दोनों राज्यों के पुलिस प्रशासन को भी नहीं था. हालांकि दोनों राज्यों की ओर से मेला क्षेत्र सहित श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.

सैकड़ों बसों का बेड़ा चार मेला स्पेशल ट्रेनें

दीपदान मेले को लेकर परिवहन विभाग व रेल प्रशासन ने भी कमर कस रखी है. रेलवे की ओर से पैसेंजर से लेकर कई एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव चित्रकूटधाम रेलवे स्टेशन सहित मानिकपुर व शिवरामपुर में सुनिश्चित किया गया है. परिवहन विभाग ने मेले को दृष्टिगत रखते हुए 330 बसों का बेड़ा लगाया है आवागमन के लिए. ये बसें प्रयागराज, प्रतापगढ़, कौशाम्बी, बांदा, फतेहपुर आदि पड़ोसी जनपदों से संचालित हो रही हैं. रेलवे प्रशासन ने चार मेला स्पेशल ट्रेनों का संचालन सुनिश्चित किया है.
इसलिए दीपदान का है महत्व

चित्रकूट में दीपदान का महत्व यूं ही नहीं है बल्कि इसके पीछे वो प्रमाणिकता है जिसके तहत कहा जाता है कि लंका विजय के बाद अयोध्या वापस लौटते समय श्री राम चित्रकूट रुके थे और यहां ऋषियों मनीषियों मुनियों से आशीर्वाद लिया था(क्योंकि अपने चौदह वर्षों के वनवास काल में साढ़े ग्यारह वर्ष प्रभु श्री राम ने चित्रकूट में बिताए थे). इस अवसर पर श्री राम के स्वागत में चित्रकूट में कोल भील आदि आदिवासियों ने दीप जलाए. कई पौराणिक ग्रंथों में भी इसका उल्लेख है. इसी मान्यता के तहत दीपावली के अवसर पर लाखों श्रद्धालु श्री राम की तपोस्थली चित्रकूट में दीपदान को लेकर जुटते हैं. श्री रामचरितमानस के लंका काण्ड में इस बात का उल्लेख करते हुए लिखा गया है कि “सकल रिषिन्ह सन पाई असीसा चित्रकूट आए जगदीसा
तहँ करि मुनिन्ह केर संतोषा चला बिमानु तहाँ ते चोखा” अर्थात “सम्पूर्ण ऋषियों से आशीर्वाद पाकर श्री राम जी चित्रकूट आए. वहां मुनियों को संतुष्ट किया फिर विमान वहां से आगे तेजी के साथ चला गया”
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