scriptनरसंहार कर दहशत का दूसरा नाम बना कुख्यात बबुली खूंखार डकैतों का शागिर्द रहा फिर बन गया सरगना | Encounter Gangwar Babuli | Patrika News

नरसंहार कर दहशत का दूसरा नाम बना कुख्यात बबुली खूंखार डकैतों का शागिर्द रहा फिर बन गया सरगना

locationचित्रकूटPublished: Sep 16, 2019 01:35:57 am

इस वारदात के बाद बबुली के नाम से मौत भी कांपने लगी।
6 लाख के इनामी दस्यु सरगना के सीने को उसके ही साथी डकैत ने गोलियों से छलनी कर दिया

नरसंहार कर दहशत का दूसरा नाम बना कुख्यात बबुली खूंखार डकैतों का शागिर्द रहा फिर बन गया सरगना

नरसंहार कर दहशत का दूसरा नाम बना कुख्यात बबुली खूंखार डकैतों का शागिर्द रहा फिर बन गया सरगना

चित्रकूट: यूपी एमपी(मध्य प्रदेश) के बीहड़ों में आतंक का पर्याय बने कुख्यात डकैत बबुली कोल की गैंगवार में मौत की खबर से बीहड़ में सन्नाटा छा गया है. 6 लाख के इनामी दस्यु सरगना के सीने को उसके ही साथी डकैत ने गोलियों से छलनी कर दिया. बीहड़ के सूत्रों के मुताबिक बबुली की लाश ढूंढने के लिए दोनों राज्यों की पुलिस जंगलों में सर्च ऑपरेशन चला रही है. हालांकि इस घटना को लेकर अभी तक न तो यूपी और न ही एमपी पुलिस के द्वारा कोई आधिकारिक पुष्टि हुई है लेकिन पुलिस सूत्रों के मुताबिक घटना का इनपुट मिलने पर जंगलों में पुलिस ने डेरा डाल दिया है और जल्द ही इस वारदात को लेकर तस्दीक की जा सकती है.
खूंखार डकैतों का शागिर्द रहा फिर बन गया सरगना

ददुआ, ठोकिया, रागिया, बलखड़िया जैसे बीहड़ के खूंखार डकैतों का शागिर्द रहा बबुली कोल खौफ के इन सौदागरों के खात्में के बाद खुद दस्यु सरगना बन गया. बीहड़ में कायम किए गए अपने आकाओं के दहशत के साम्राज्य को आगे बढ़ाते हुए बबुली ने हत्या लूट अपहरण जैसी कई जघन्य वारदातों को अंजाम दिया जिससे उसका खौफ यूपी एमपी के सीमावर्ती इलाकों बीहड़ों में सिर चढ़कर बोलने लगा. पुलिस से हुई कई मुठभेड़ में बबुली बच निकला.
यकीन नहीं था बबुली को साथी ही उतरेगा मौत के घाट


दस्यु सरगना के एक इशारे पर अपनी जान पर खेल जाने वाले गैंग के सदस्य ही उसके दुश्मन बन जाएंगे इसका यकीन बबुली को भी नहीं था. सूत्रों के मुताबिक अभी एक महीने के अंदर गैंग द्वारा अंजाम दी गई अपहरण की दो वारदातों में मिली फिरौती की रकम के बंटवारे को लेकर बबुली का अन्य साथी डकैतों से विवाद चल रहा था. जिसमें गैंग का हार्डकोर सदस्य बबुली का ख़ास माना जाने वाला लाले कोल दस्यु सरगना से खार खाने लगा. रविवार 15 सितम्बर(2019) की शाम यूपी एमपी के सीमावर्ती जंगल में इसी बात को लेकर लाले कोल व बबुली के बीच गरमा गरमी हो गई और लाले कोल ने बबुली को गोली मार दी. इस दौरान उसने खुद को बचाने के लिए ताबड़तोड़ फायरिंग भी की.
कहीं पुलिस की रणनीति तो नहीं!


गैंगवार में बबुली के ढेर होने की खबर ने बीहड़ में तहलका मचा दिया है तो वहीं पत्ते भी ख़ामोश नजर आ रहे हैं. दबी जुबान से चर्चाओं का बाजार गर्म है. जिसके मुताबिक इस पूरे खेल के पीछे पुलिस की रणनीति भी हो सकती है. लोहे से लोहे को काटने वाली कूटनीति पर चलते हुए पुलिस ने एक तीर से कई निशाने साध लिए.

बीहड़ में पुलिस का डेरा


इस पूरी खबर की आधिकारिक पुष्टि अभी समाचार लिखे जाने तक भले ही न हुई हो लेकिन पुलिस भी हलकान है खबर की पुष्टि के लिए. यूपी एमपी दोनों राज्यों की खाकी बीहड़ में डेरा डाले हुए हैं. सूत्रों के मुताबिक दोनों राज्यों की पुलिस बबुली की लाश ढूंढने का प्रयास कर रही हैं.

नरसंहार कर खौफ का दूसरा बन गया था बबुली

सन 2011 के अगस्त महीने की 8 तारीख को जनपद के मारकुंडी थाना क्षेत्र अंतर्गत डोडामाफी गांव में नरसंहार की जघन्य वारदात को अंजाम देते हुए दस्यु बबुली कोल ने एक ही परिवार के पांच लोगों को गोलियों से छलनी कर मौत के घाट उतार दिया था। मृतकों में परिवार की महिलाएं पुरुष व एक मासूम बच्ची शामिल थी। वारदात के बाद जनपद मुख्यालय में पुलिस व स्थानीय लोगों के बीच जमकर बवाल हुआ था। इस वारदात के बाद बबुली के नाम से मौत भी कांपने लगी।
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