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Chitrakoot News: ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में एमओयू साइन करने वाले उद्यमी ने,इस अधिकारी पर लगाए गंभीर आरोप,अब…….

locationचित्रकूटPublished: May 30, 2023 09:50:59 am

Submitted by:

Vikash Kumar

Chitrakoot News: चित्रकूट में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में 48 करोड़ का एमओयू साइन करने वाले मानिकपुर के उद्यमी ने तथाकथित रूप से उप जिलाअधिकारी पर लाखों रुपए घूस मांगने के आरोप लगाए हैं।

Chitrakoot News: ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में एमओयू साइन करने वाले उद्यमी ने,इस अधिकारी पर लगाए गंभीर आरोप,अब.......

Chitrakoot News: ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में एमओयू साइन करने वाले उद्यमी ने,इस अधिकारी पर लगाए गंभीर आरोप,अब…….

उद्यमी के अनुसार हैसियत प्रमाण पत्र जारी करने के नाम पर अधिकारी के द्वारा उनसे घूस मांगी जा रही थी।और घुस ना देने के कारण उनका हैसियत प्रमाण पत्र अभी तक नहीं जारी किया गया है।
बता दे की चित्रकूट जिले के मानिकपुर शास्त्रीनगर निवासी संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि मेसर्स अग्रवाल प्रिकॉस्ट के नाम से उन्होंने ग्लोबल इनवेस्टर समिट लखनऊ व फिर चित्रकूट में हुई मीटिंग में 48 करोड़ रुपए के एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। और उनका दो सौ लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य है।
इस काम को आगे बढ़ाने के लिए हैसियत व चरित्र प्रमाण पत्र बनवाना हमने शुरू किया। जिस पर एसडीएम मानिकपुर ने उनसे इन प्रमाण पत्रों के लिए एमओयू करार का दस फीसदी रिश्वत मांगी है। रिश्वत न देने पर उनकी कई महीने फाइल रोक दी गई। जिसके बाद उन्होंने जिले के उच्च अधिकारियों से शिकायत की तो उनका हैसियत प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है।
वही उद्यमी का कहना है। की जब उन्होंने अपना चरित्र प्रमाण पत्र बनने के लिए डाला तो पुलिस ने उनका चरित्र प्रमाण पत्र बना दिया। लेकिन राजस्व विभाग द्वारा बनने वाला चरित्र प्रमाण पत्र को एसडीएम मानिकपुर फिर से फाइल को रोक लिया। और 10% घूस देने की मांग करने लगे जब उन्होंने देने से मना कर दिया। तो उनके ऊपर अवैध अतिक्रमण का मुकदमा दिखाकर उनके चरित्र प्रमाण पत्र को न जारी करने की रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है।
वही इस पूरे मामले में एसडीएम मानिकपुर प्रमेश श्रीवास्तव का कहना है। कि उद्यमी द्वारा लगाए आरोप बेबुनियाद हैं। उन्होंने किसी के चरित्र प्रमाण पत्र में गलत रिपोर्ट नहीं लगाई और न ही रिश्वत मांगी है। उद्यमी संजय जिले के टॉप-10 अतिक्रमणकारियों में चौथे स्थान पर हैं। चटर्जी तालाब की जमीन पर उनका भवन बना है। इस मामले का मुकदमा चल रहा है। ऐसे में जब उच्चाधिकारियों ने रिपोर्ट मांगी तो उन्होंने यह लिखकर दिया कि चरित्र प्रमाण पत्र जारी करने की संस्तुति नहीं दी जा सकती है। प्रमाण पत्र के एक कॉलम में लिखा है कि इनका अतिक्रमण का वाद चल रहा है।

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