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लाखों श्रद्धालुओं ने मंदाकिनी में लगाई डुबकी, रेलवे स्टेशन पर उमड़ा हुजूम, देखें वीडियो

locationचित्रकूटPublished: Jun 13, 2018 09:52:03 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

अमावस्या मेले को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा-व्यवस्था के ठीक ठाक इंतजाम कर रखे थे।

devotees take bath in mandakini

लाखों ने श्रद्धालुओं ने मंदाकिनी में लगाई डुबकी, रेलवे स्टेशन पर उमड़ा हुजूम, देखें वीडियो

चित्रकूट. ज्येष्ठ अधिमास की अमावस्या पर लाखों श्रद्धालुओं ने भगवान राम की तपोस्थली चित्रकूट पहुंचकर पवित्र मंदाकिनी नदी में डुबकी लगाई और कामतानाथ पर्वत की परिक्रमा की। श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा पुण्य लाभ अर्जित करने को। पूरे बुन्देलखण्ड सहित मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ व अन्य राज्यों से आए आस्थावानों ने विशेष पूजा अर्चना आराधना करते हुए अमावस्या पर दान पुण्य भी किया। मौसम ने भी थोड़ी नरमी बरती और औसत से कम धूप में श्रद्धालुओं को थोडा आराम मिला। हालांकि, उमस भरी गर्मी ने भले ही आस्थावानों के पसीने छुड़ाए। अमावस्या मेले को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा-व्यवस्था के ठीक ठाक इंतजाम कर रखे थे। इन सबके बीच टेम्पो टैक्सी व डग्गामार वाहनों की चांदी रही।
अमावस्या मेले पर श्री राम की तपोभूमि चित्रकूट में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। एक अनुमान के मुताबिक, 5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने मंदाकिनी में डुबकी लगाई। हर महीने की अमावस्या पर तपोभूमि में आस्थावानों की भारी भीड़ उमड़ती है लेकिन ज्येष्ठ अधिमास, सोमवती, भदही और दीपावली अमावस्या के विशेष महत्व के कारण लाखों की संख्या में श्रद्धालु तपोभूमि पहुंचते हैं।
सुबह से ही उमड़ी आस्थावानों की भीड़
अमावस्या मेले के तहत भोर से ही श्रद्धालुओं की भीड़ रामघाट पर मंदाकिनी में स्नान के लिए उमड़ने लगी। सुबह की पौ फटते ही भारी संख्या में आस्थावान रामघाट पहुंचने लगे जो दोपहर होते होते लाखों तक पहुंच गई। पूरे बुन्देलखण्ड सहित उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों और कई राज्यों से आए श्रद्धालुओं ने भजन कीर्तन करते हुए मंदाकिनी में स्नान के बाद भगवान कामतानाथ पर्वत की परिक्रमा भी लगाई।
किसानों ने की अच्छी खेती के लिए प्रार्थना
बुन्देलखण्ड में ऐसा माना जाता है कि ज्येष्ठ अमावस्या पर चित्रकूट जाकर भगवान कामतानाथ से अच्छी फसल व् खेती के लिए प्रार्थना की जाती है। इसी मान्यता के तहत काफी बड़ी संख्या में किसानों ने भगवान कामतानाथ से अपनी खेती के लिए प्रार्थना की और मन्नत भी मांगी।
आवागमन हेतु सभी रेलवे व परिवहन विभाग की खास तैयारी
दूर दूर से आने वाले श्रद्धालुओं को आवागमन में कोई दिक्कत न हो इसके लिए रेलवे व परिवहन विभाग ने खास तैयारी कर रखी थी। रेलवे ने तो 12 जून से 14 जून तक तीन मेला स्पेशल ट्रेनें चलाने का निर्णय लिया है। इसके साथ कई एक्सप्रेस ट्रेनों का स्टापेज भी बढ़ा दिया गया है 12 से 14 जून तक। एक्सप्रेस ट्रेनों में बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस महाकौशल एक्सप्रेस वाराणसी खजुराहो एक्सप्रेस और निजामुद्दीन खजुराहो एक्सप्रेस ट्रेन का स्टापेज बढ़ाया गया है। परिवहन विभाग ने भी इलाहाबाद फतेहपुर कौशाम्बी बांदा कानपुर आदि जनपदों से मेला स्पेशल बसों का संचालन किया है वैसे भी इन जनपदों से चित्रकूट के लिए पहले से ही कई बसें संचालित हो रही हैं।
पेयजल समस्या ने किया हलकान
लाखों की संख्या में उमड़ने वाले श्रद्धालुओं को पेयजल समस्या ने हलकान कर दिया। सिस्टम की उदासीनता तो बनती ही थी। रेलवे स्टेशनों पर पानी के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ा यात्रियों को। कई छोटे स्टेशनों मसलन शिवरामपुर बहिलपुरवा बदौसा खुरहण्ड आदि पर तो पानी की किल्लत बनी रही और टोटियों से बूंदे टपकती हुई नजर आईं। हालांकि रेलवे व् स्टेशन व् बस अड्डों पर समाजसेवियों ने ठंडे पेय पदार्थों की व्यवस्था कर रखी थी श्रद्धालुओं के लिए जिससे प्यास बुझाने में उन्हें काफी मदद मिली।
यात्रियों ने तय किया मौत का सफर
हमेशा की तरह इस बार भी श्रद्धालुओं ने जान जोखिम में डाल यात्रा की। रेलवे द्वारा तीन मेला स्पेशल ट्रेनों के संचालन व् कई एक्सप्रेस ट्रेनों के स्टापेज बढ़ाए जाने के बाद भी आस्थावान ट्रेनों की छत पर चढ़कर यात्रा करते नजर आए। हालांकि स्टेशन पर बार बार एनाउंस हो रहा था कि ट्रेन की छत पर चढ़कर यात्रा न करें यह दण्डनीय है और जान के लिए खतरा भी है तो वहीं आरपीएफ व् जीआरपी ऐसे लोगों को रोकने का प्रयास भी करती रही लेकिन अत्यधिक भीड़ के चलते ये सारी कवायदें नाकाफी साबित हुईं।
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