नावों से आवागमन जारी
प्रभावित इलाकों में नावों से ग्रामीणों का आवागमन जारी है। स्कूली बच्चों को भी इन्हीं कठिनाइयों का सामना करते हुए गांव से कस्बे तक स्कूलों के लिए आना जाना पड़ रहा है। कई इलाकों में गांवों को मुख्य मार्गों से जोड़ने के लिए छोटे रपटे व पुल बनाए गए हैं लेकिन थोड़ा भी जलभराव होता है या बाढ़ का पानी घुसता है तो इन मार्गों से आवागमन असम्भव हो जाता है और फिर ग्रामीणों को नावों के द्वारा अपने गंतव्यों मुख्य मार्गों तक पहुंचना पड़ता है।
स्थिति पर प्रशासन की नजर
इस पूरी स्थिति को लेकर एसडीएम मऊ संदीप कुमार वर्मा ने बताया कि इलाके में फ़िलहाल बाढ़ जैसी स्थिति बनती नहीं दिख रही है फिर भी प्रशासन की नजर बराबर बनी हुई है यदि किसी भी प्रकार की ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई तो हमारी पूरी तैयारी है। उधर सिंचाई विभाग के अधिशाषी अभियन्ता ए एन गुप्ता ने बताया कि अभी यमुना अपने खतरे के निशान से नीचे है। खतरे का निशान 93.20 मीटर है।
गांव के लोग कर रहे मदद
इस बीच जिन इलाकों पानी घुसने से सम्पर्क मार्ग प्रभावित हुए हैं। वहां स्थानीय समाजसेवी ग्रामीणों की मदद के लिए नाव की व्यवस्था कर रहे हैं। ऐसे ही एक प्रभावित इलाके मऊ विकास खण्ड के बराह कोटरा गांव के युवा समाजसेवी इन्द्रेश त्रिपाठी ने बताया कि यमुना नदी का जलस्तर फिलहाल लगातार बढ़ रहा है। यदि यही हाल रहा तो मुश्किल हो सकती है। युवा समाजसेवी ने अपनी तरफ से नाव की व्यवस्था करने की बात कही।