मुंबई-हावड़ा रेलमार्ग पर बेपटरी हुई मालगाड़ी, कई ट्रेनें हुई लेट
मेन रेल लाइन पर हुई इस घटना से उधर से गुजरने वाली कई अप व डाउन ट्रेनें लेट हुई।

चित्रकूट. मुंबई-हावड़ा रेलमार्ग पर स्थित सतना स्टेशन के पास मालगाड़ी के बेपटरी होने से करीब दर्जन भर ट्रेनें लेट हो गईं। काफी मशक्कत के बाद ट्रैक को दुरुस्त किया गया। इस दौरान सम्बंधित रेलमार्ग का रूट कई घण्टों तक बाधित रहा। रेलवे के अधिकारियों व इंजीनियरों ने घटनास्थल का जायजा लेते हुए ट्रैक को दुरस्त करवाने का काम शुरू करवाया। हादसा शुक्रवार की रात को हुआ। सतना स्टेशन के पास बिरला सायडिंग से सीमेंट लोड कर मालगाड़ी स्टेशन की तरफ बढ़ रही थी कि बेपटरी हो गई।
ट्रेनों का बेपटरी होने का क्रम जारी है। चाहे एक्सप्रेस ट्रेनें हों या मालगाड़ी, ये कब बेपटरी हो जाएं कुछ कहा नहीं जा सकता क्योंकि रेलवे के जो दिन चल रहे हैं, उसको देखकर यही कहा जा सकता है. ताजा मामला मुंबई हावड़ा रेलमार्ग पर स्थित सतना स्टेशन के पास का है। बिरला सायडिंग से सीमेंट लोड कर स्टेशन की तरफ जा रही मालगाड़ी अचानक ट्रैक से उतर गई। दुर्घटना से ट्रैक भी क्षतिग्रस्त हो गया। मेन रेल लाइन पर हुई इस घटना से उधर से गुजरने वाली कई अप व डाउन ट्रेनें लेट हुई। घटना की सूचना पर पहुंचे रेलवे अधिकारियों व इंजीनियरों ने मौका मुआयना करते हुए ट्रैक को दुरुस्त करवाने का कार्य शुरू करवाया।
ये ट्रेनें हुई लेट
मालगाड़ी के बेपटरी होने से कई एक्सप्रेस ट्रेनें लेट हो गईं। रीवा इंटरसिटी, मानिकपुर(चित्रकूट) सतना पैसेंजर, अंत्योदय एक्सप्रेस, काशी एक्सप्रेस, लखनऊ गरीबरथ, वाराणसी सुपरफास्ट, रीवांचल एक्सप्रेस, रीवा बिलासपुर एक्सप्रेस, संघमित्रा एक्सप्रेस, मुंबई एलटीटी सुपरफास्ट, चित्रकूट एक्सप्रेस, रत्नागिरी एक्सप्रेस, सारनाथ एक्सप्रेस, व कामायनी एक्सप्रेस ट्रेनें कई घण्टे विलम्ब रहीं। डेढ़ महीने के अंदर सीमेंट की सायडिंग लाइन पर यह दूसरा हादसा है। देर रात हुए इस हादसे के कारण उधर से गुजरने वाली कई ट्रेनें प्रभावित हुईं. बीच रूट पर फंसी कई ट्रेनों को रोक दिया गया जिससे यात्रियों को काफी फजीहत भी हुई. फि़लहाल ट्रैक को दुरुस्त कर आवागमन चालू किया जा रहा है.
मुंबई-हावड़ा रेलमार्ग बनता जा रहा हादसों का मार्ग
मुंबई-हावड़ा रेलमार्ग हादसों का रेलमार्ग बनता जा रहा है। मानिकपुर-सतना-इलाहाबाद मार्ग पर कई बार एक्सप्रेस ट्रेनें बेपटरी हुई हैं और बड़ी दुर्घटनाएं टल गई हैं, लेकिन आए दिन हो रहे इस तरह के हादसे रेलवे के सुरक्षा दावों की पोल जरूर खोलते हैं। ईश्वरीय अनुकम्पा से अभी तक हुए हादसों में कोई बड़ी जनहानि नहीं हुई।
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