गुटखा के नाम पर समाज में जहर बांटने वालों पर प्रशासन ने शिकंजा कसते हुए नकली गुटखा बनाने वाली फैक्ट्री पर छापा मारा। मुख्यालय स्थित कपसेठी गांव में मीठी सुपाड़ी बनाने के नाम पर लाइसेंस लिए फैक्ट्री मालिक द्वारा बड़े स्तर पर प्रतिबंधित तम्बाकु मिश्रित गुटखा काफी दिनों से बनवाया जा रहा। मीडिया के माध्यम से शहर में हो रहे इस गोरखधंधे की जानकारी खाद्य एवम् औषधि प्रशासन को भी मिल रही थी लेकिन विभागीय लोगों ने कान में अनसुनी का तेल डाल रखा था। कई दिनों से नकली गुटखा बनने की खबरों को संज्ञान में लेते हुए डीएम विशाख जी अय्यर के निर्देश पर नींद से जागे खाद्य एवम् औषधि प्रशासन विभाग ने छापा मारते हुए भारी मात्रा में नकली गुटखा व् उसे बनाने का कच्चा माल बरामद किया।
मुख्यालय में संचालित थी फैक्ट्री
किसी भी तरह का गोरखधंधा करने वाले किस तरह ऊपर से लेकर नीचे तक बेहतरीन सेटिंग रखते हैं इसकी बानगी देखने को मिली छापे के दौरान। कर्वी कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत मुख्यालय स्थित कपसेठी गांव में संचालित थी नकली गुटखा बनाने की फ़ैक्ट्री। पुलिस प्रशासन की नाक के नीचे ऐसी फैक्ट्रियां किनकी शह पर चलती हैं यह भी बताने की आवश्यकता नहीं। नवागंतुक डीएम विशाख जी अय्यर ने यदि निर्देश न दिया होता तो ऐसे काले कारोबार को रोकने के लिए जिम्मेदार खाद्य एवम् औषधि प्रशासन धृतराष्ट्र ही बना रहता।
बड़ी मात्रा में माल बरामद
छापेमारी के दौरान टीम को 98 किलोग्राम प्रतिबंधित तम्बाकू युक्त सुपाड़ी के तैयार पैकेट(पाउच) 150 किलोग्राम कच्चा माल व् 150 किलोग्राम तम्बाकू और 95 किग्रा सादी सुपाड़ी मौके से बरामद हुई। सभी को सीज कर दिया गया और नमूनों को जांच के लिए भेजा गया। अभिहित अधिकारी( खाद्य सुरक्षा एवम् औषधि प्रशासन) शशि शेखर ने बताया कि जिस फैक्ट्री पर छापा मारा गया उसके पास मीठी सुगन्धित सुपाड़ी बनाने का लाइसेंस है लेकिन फैक्ट्री में विभिन्न नामों से तम्बाकू मिश्रित गुटखा बनाया जाता था। कई दिनों से इसकी सूचना विभाग को मिल रही थी जिसपर कार्यवाही की गई।
बड़े स्तर पर फैलता यह काला कारोबार
नशे के सौदागरों द्वारा गांजा अफीम स्मैक अवैध कच्ची शराब व् नकली गुटखा बनाने व् उन्हें बाजार में बेंचने का काला कारोबार दिनों दिन बड़े स्तर पर फैलता जा रहा है। जनपद में समय समय पर नकली गुटखा बनाने की फैक्ट्रियां व् मशीन पकड़ी जाती हैं लेकिन कुछ समय बाद धंधा फिर चालू हो जाता है। इसी तरह अवैध शराब की भट्टियां सुलग रही हैं लेकिन कोई ठोस कार्यवाही नहीं हो रही। गांवों कस्बों में गांजा स्मैक की बिक्री छोरी छिपे सेटिंग से की जाती है परंतु आज तक इनके आकाओं को नहीं पकड़ा गया। पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश से भी नशे के सौदागर गांजा आदि की तस्करी सप्लाई करते रहते हैं जिसका खुलासा कुछ मामलों के पकड़ में आने के बाद होता है। और फिर सबकुछ शांत हो जाता है।