आम जनजीवन अस्त-व्यस्त पिछले चार दिनों से कभी लगातार मूसलाधार तो कभी रुक रुक कर रिमझिम बारिश ने सावन को अंगड़ाई लेने का मौका तो दे दिया है लेकिन लोगों के आम जन जीवन को इस बारिश ने अस्त व्यस्त कर दिया है। सड़कों पर जानलेवा गड्ढे गली मोहल्लों और मुख्य मार्गों पर जलभराव की वजह से सबसे ज्यादा दिक्कत यदि झेलनी पड़ रही है तो वो है आवागमन के दौरान। ग्रामीण इलाकों में तो हालात और बदतर हैं, कीचड़ और कच्चे रास्तों से होकर अधिकांश ग्रामीण इलाकों में आवागमन हो रहा है। चाहे शहरी इलाके हों या कस्बाई या फिर ग्रामीण सभी जगह घरों में भी जल देवता का आगमन हो गया है। मिर्जापुर झांसी राष्ट्रीय राजमार्ग पर कई जगह जलभराव के चलते वाहनों को निकलने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और इस समय इस मार्ग पर सड़क निर्माण का कार्य भी चल रहा है।
खेत खलिहान लबालब सूखे की मार से तड़प रही बुंदेली धरती की तड़प बादलों ने इस सावन थोड़ा कम की है और बारिश से खेत खलिहान तालाब लबालब हो गए हैं। अन्नदाताओं के चेहरे भी खिल गए हैं हालांकि जिस हिंसाब से कई वर्षों से बुन्देलखण्ड में सूखा पड़ रहा है उस हिंसाब से ये बारिश अभी भी उतनी पर्याप्त नहीं है फिर भी वर्तमान में बरस रही बादलों की रहमत खेती के लिए काफी मददगार साबित होगी।
बढ़ रहा जल स्तर जनपद के मऊ थाना क्षेत्र के किनारे से गुजरी यमुना नदी का जल स्तर धीरे धीरे बढ़ने लगा है तो वहीँ मुख्यालय से बहने वाली पवित्र मंदाकिनी नदी भी मध्य प्रदेश में हो रही भारी बारिश और पहाड़ों के पानी की वजह से बढ़ने का अंदेशा दे रही है।
पाठा में खासी दिक्कतें बारिश की वजह से जनपद के पाठा क्षेत्र(मानिकपुर मारकुंडी) में लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कस्बाई इलाकों की बात छोड़ दें तो क्षेत्र के अधिकांश गांव सुदूर क्षेत्रों में घने जंगलों बीहड़ों के बीच स्थित हैं और इन इलाकों में आवागमन के लिए छोटे रपटों पुलियों आदि का निर्माण किया गया है लेकिन पहाड़ों के पानी और बारिश की वजह से इलाकों से बहने वाली छोटी नदियां नाले उफान पर हैं, परिणामतः इनका पानी रपटों और पुलियों के ऊपर से बह रहा है जिसकी वजह से स्कूली बच्चों को जान जोखिम में डालकर स्कूल तक पहुंचना पड़ रहा है। इन रपटों के ऊपर से पानी के तेज बहाव से होकर विद्यार्थी आवागमन कर रहे हैं। हालांकि गर्मी के मौसम में यही नदियां नाले सूख जाते हैं।