चित्रकूट

धधक रही शराब की भट्टियां, ज़िम्मेदार मौन

किसी भी चुनाव की सरगर्मी के बीच मदिरा (शराब) का जलवा कायम हो जाता है

चित्रकूटNov 15, 2017 / 03:00 pm

आकांक्षा सिंह

चित्रकूट. किसी भी चुनाव की सरगर्मी के बीच मदिरा (शराब) का जलवा कायम हो जाता है यह तो जगजाहिर है। हजारों लीटर शराब पकड़ी भी जाती है चुनाव के दौरान, इसके बावजूद इस धंधे से जुड़े काले कारोबारी प्रशासन की आंख में धूल झोंकते हुए अवैध रूप से मदिरा की भट्टियां सुलगाती हैं। निकाय चुनाव की तपिश के बीच शराब की धरपकड़ के लिए ख़ाकी का अभियान जारी है परंतु बावजूद इसके मुख्यालय के कछारी इलाकों से लेकर आस पास के क्षेत्रों में शराब की भट्टियां धधक रही हैं और आबकारी विभाग मौन साधे हुए है जबकि पुलिस बराबर चेकिंग व छानबीन के दैरान शराब तथा उनके सप्लायर्स को पकड़ कर सलाखों के पीछे पहुंचा रही है।


चुनाव और शराब का चोली दामन का साथ है इसमें कोई संशय नहीं। लोकसभा से लेकर विधानसभा और ग्राम पंचायत तथा नगर निकाय के चुनाव में किस तरह से जाम छलकाने के प्रबंध किए जाते हैं इसकी गवाहियां होती हैं उस दौरान बरामद की जा रही शराब की पेटियां।

 

प्रत्याशी अपने समर्थकों मतदाताओं को ख़ुश करने के लिए मदिरा को ब्रम्हास्त्र की तरह इस्तेमाल करने का प्रयास करते हैं। निकाय चुनाव की लहर में शराब ने फिर अपनी नशेबाजी का दखल दिया है और आए दिन अवैध रूप से शराब बनाने बेंचने सप्लाई करने वाले अभियुक्त ख़ाकी के हत्थे चढ़ रहे हैं। निकाय चुनाव की सरगर्मी के बीच अभी तक लगभग एक हजार लीटर शराब बरामद व 52 अभियुक्त पुलिस की गिरफ़्त में आ चुके हैं लेकिन जनपद मुख्यालय के कछारी इलाकों से लेकर आस पास के इलाकों में शराब की भट्टियां बेख़ौफ़ होकर धधक रही हैं।


धधक रही भट्टियां ज़िम्मेदार मौन

चुनाव आते ही शराब की डिमांड बढ़ जाती है और अवैध शराब का कारोबार दिन दूनी रात चौगनी तरक्की करने लगता है। पुलिस कार्रवाई तो करती है और ऐसे लोगों को सलाखों के पीछे भी पहुंचाती है जो इस गोरख धंधे से जुड़े होते हैं लेकिन प्रभावी कार्रवाई करने में पुलिस और आबकारी विभाग दोनों नाकाम रहते हैं। शहर से सटे इलाकों में अवैध रूप से शराब की भट्टियां धधक रही हैं और प्रशासन लगभग मौन सा साधे है इस मामले में। सूत्रों के मुताबिक अवैध शराब के कारोबारी पूरी सेटिंग करके अपना ये गोरख धंधा बेख़ौफ़ होकर करते हैं। हालांकि प्रशासन कभी कभार बीच बीच में कार्यवाही करके अपनी पीठ थपथपाती रहती है। जनपद में अवैध रूप से किस तरह शराब का धंधा होता है इसका सबूत है आए दिन हो रही शराब की बरामदगी। चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद अभी तक एक हजार लीटर शराब बरामद हो चुकी है और चार दर्जन से अभियुक्त पुलिस के हत्थे चढ़ चुके हैं।

कुछ समाजसेवियों ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि देशी शराब चूंकि सस्ती होती है इसलिए चुनाव के दौरान इसकी मांग बढ़ जाती है। ज्यादातर इसी शराब की खपत चुनाव के दौरान कराई जाती है।

इस पूरे मामले में एसपी प्रताप गोपेंद्र का कहना है कि अवैध शराब व् उसे बनाने वालों के ख़िलाफ पुलिस की कार्यवाही लगातार जारी है और अभी तक काफी सफलता भी मिली है। एसपी के मुताबिक आबकारी विभाग जिन इलाकों में सूचना देता है वहां कार्यवाही की जाती है और ऐसे कुछ स्थानों की सूची पुलिस को मिली है जहां जल्द ही कार्यवाही की जाएगी।

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