उन्होंने सपने पाले थे जीवन के सतरंगी माहौल में जीने के, सब कुछ ठीक ठाक चल रहा था कि अचानक अपनों ने ही उस हंसते खेलते परिवार में शक रूपी जहर का बीजारोपण करना शुरू कर दिया और इस जहर में घुल गई एक परिवार की खुशियां। चित्रकूट के कर्वी कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत चकला गुरु बाबा गांव में अजीत रैदास नाम के व्यक्ति ने एक पति और पिता होकर भी वो खौफनाक कदम उठाया कि रूहें भी कांप जाएं दास्तां सुनकर।
पत्नी व दो बेटियों की गला रेतकर की हत्या उक्त गांव निवासी अजीत ने शुक्रवार तड़के अपनी पत्नी और दो बेटियों की चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी। किस्मत से उसका दस वर्षीय बेटा बच गया क्योंकि वह अपने दादा दादी के साथ सोया था। घटना के बाद आरोपी मौके से फरार तो हो गया लेकिन कुछ ही समय बाद वह खाकी के चंगुल में था। वारदात के बाद बेसुध सी अवस्था में हत्यारोपी ने पुलिस को पहले गोलमोल जवाब दिया, लेकिन बाद में पूछताछ के दौरान कुछ चौंकाने वाले खुलासे हुए। उधर, हत्यारोपी के परिजनों ने भी चौंकाने वाली बात बताई।
अवैध सम्बंध का शक था हत्यारोपी अजीत को हत्यारोपी अजीत रैदास के परिजनों ने जानकारी देते हुए बताया कि लगभग महीने भर पहले उसके चाचा ने अजीत को उसकी पत्नी मैना को लेकर अवैध संबंध की बात बताते हुए भड़काना शुरू कर दिया। चाचा ने अपने ***** के साथ उसकी (अजीत) पत्नी के अवैध सम्बन्ध की बात बताई। आए दिन आरोपी का चाचा उससे कुछ न कुछ बताता था जिससे उसके मन में शक की जड़ें गहरी होती चली गईं, जिसके बाद परिवार का माहौल तनावपूर्ण हो गया। अजीत भी तनाव व गुस्से में रहने लगा और गुमसुम सा भी, कभी कभार लड़ाई झगड़ा भी होता था। इस दौरान परिवार को इस बात का अंदेशा भी न था कि यह स्थिति एक दिन इतना खूनी रूप अखितयार कर लेगी।
सोते समय रेता पत्नी और मासूम बेटियों का गला शुक्रवार तड़के सुबह परिवार के सभी लोग गहरी नींद में थे। इधर अजीत के मन में उसके हैवान भरे रूप ने जन्म ले लिया था। हत्यारोपी के पिता दयाराम ने बताया कि भोर में करीब तीन बजे वारदात को अंजाम दिया गया। पिता के मुताबिक जब अजीत ने पत्नी मैना देवी(30) पर कमरे में धारदार चाकू से वार किया तो उसने मुकाबला करने की कोशिश की और खून से लथपथ वह परिजनों को बुलाने के लिए चीख पड़ी और बाहर की तरफ भागी। चीख पुकार सुनकर जब तक परिवार वाले अजीत के नापाक मंसूबों को नाकाम करने के लिए पहुंचे उसने कमरे में सो रही अपनी दो मासूम बेटियों पिंकी(6) व नंदिनी(8) की गला रेतकर बेरहमी से हत्या कर दी। अजीत ने इस दौरान कमरा अंदर से बंद कर लिया था।
बच गया बेटा
इस दौरान पिता के खूनी रूप का शिकार बनने से उसका बेटा बच गया क्योंकि वह अपने दादा दादी के साथ दूसरे कमरे में सो रहा था। पथराई आंखों से वो एक टक अपनी मृतक माँ व बहनों को देखता रहा।
इस दौरान पिता के खूनी रूप का शिकार बनने से उसका बेटा बच गया क्योंकि वह अपने दादा दादी के साथ दूसरे कमरे में सो रहा था। पथराई आंखों से वो एक टक अपनी मृतक माँ व बहनों को देखता रहा।