वन्य जीवों की संख्या वैसे भी दिनों दिन घटती जा रही है जो पर्यावरण संतुलन और वन्य जीव संरक्षण की दृष्टि से चिंतनीय विषय बन गया है उस पर से इनके ऊपर हैवानो की टेढ़ी नजर इनकी बची खुची आबादी को खतरे में डाल रही हैं। जंगलों में इनकी चहलकदमी अचानक थम जाती है और इन वन्य जीवों की मौत एक रहस्य बनकर रह जाती है।
जंगल में मिला तेंदुए का शव, मचा हड़कम्प प्राकृतिक संसाधनों घने जंगलों बीहड़ों से सुसज्जित और तरह से वन्य जीवों के लिए मुफीद चित्रकूट के रानीपुर वन्य जीव बिहार में एक तेंदुए का शव मिलने से हड़कम्प मच गया है और आने वाले दिनों में इनकी संख्या में होने वाले इजाफे को भी झटका लगा है। वन्य जीव बिहार के चुल्ही जंगल में तेंदुए का शव पाया गया। मृत तेंदुए का शरीर तो सुरक्षित था परंतु उसके चेहरे और गले पर घाव के निशान थे जिनपर कीड़े लग चुके थे। सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने शव को कब्जे में लेते हुए उसे पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पशुपालन विभाग के तीन चिकित्सकों ने तेंदुए के शव का पोस्टमार्टम किया।
जताई जा रही हत्या की आशंका तेंदुए का शव मिलने से वन्य जीवों के सरंक्षण की मुहीम पर प्रश्नचिन्ह लग गया है। इतने विशाल वन्य जीव बिहार में भी यदि ये महत्वपूर्ण वन्य प्राणी सुरक्षित नहीं तो फिर ये कहां जाएं इन्हें कहां रखा जाए. सूत्रों के मुताबिक तेंदुए की हत्या शिकारियों द्वारा की गई है। शिकारी जंगल में अन्य जानवरों ला शिकार करते हैं जिसके तहत इस बार उन्होंने तेंदुए को हो सकता है निशाना बनाया हो।
इस बारे में प्रभागीय वनाधिकारी आरके त्रिपाठी का कहना है कि तेंदुए की मौत प्रथम दृष्टया बीमारी की वजह होना सामने आ रहा है क्योंकि उसके फेफड़े खराब होने उनमे संक्रमण होने की बात बताई जा रही है। फिर भी तेंदुए की मौत की जांच कराई जाएगी।
इस बारे में प्रभागीय वनाधिकारी आरके त्रिपाठी का कहना है कि तेंदुए की मौत प्रथम दृष्टया बीमारी की वजह होना सामने आ रहा है क्योंकि उसके फेफड़े खराब होने उनमे संक्रमण होने की बात बताई जा रही है। फिर भी तेंदुए की मौत की जांच कराई जाएगी।