करंट लगाकर तेंदुए का शिकार
नेशनल पार्क का दर्जा पाने की ओर कदम बढ़ा रहे जनपद के पाठा क्षेत्र स्थित रानीपुर वन्य जीव अभ्यारण्य में दुर्लभ जंगली जानवर अपनी जान लगातार गंवा रहे हैं. कारण इन बेजुबानों पर शिकारियों की यमराज रूपी कुदृष्टि. ताजा मामला रेंज के गढ़चपा इलाके का है जहां एक तेंदुए को करंट लगाकर मार डाला गया. घटना की जानकारी के मुताबिक बीती 28 फरवरी को आठ शिकारियों ने गढ़चपा जंगल में करंट लगाकर तेंदुए का शिकार किया उसे मार डाला। बेजुबान को मौत की नींद सुलाने के बाद उसके शव को जंगल में ही एक स्थान पर गाड़ दिया गया। इस दौरान तेंदुए के नाख़ून व् कुछ कीमती अंग निकल कर शिकारियों ने आपस में बांट लिया। उसकी खाल निकालने के उद्देश्य से शव को दफनाया गया था।
गुमनाम पत्र से हुआ खुलासा इस घटना का खुलासा तब हुआ जब एक गुमनाम पत्र वन विभाग के पास पहुंचा। पत्र के माध्यम से घटना की जानकारी वन विभाग को दी गई .मामले को संज्ञान में लेते हुए वन विभाग की टीम ने एक शिकारी को गिरफ्तार कर लिया। जिसने पूछताछ में वारदात को अंजाम देने सहित अन्य शिकारियों के शामिल होने की बात कुबूल की. गिरफ्तार शिकारी की निशानदेही पर टीम ने तीन अन्य शिकारियों को गिरफ्तार किया। इन सभी से पूछताछ में वन विभाग को पता चला कि मृत तेंदुए के शव को जंगल में एक स्थान पर गाड़ा गया है। उक्त जानकारी मिलने के बाद विभाग की टीम ने संबंधित स्थान पर खोदाई कर तेंदुए के शव को बरामद किया। डीएफओ कैलाश प्रकाश के मुताबिक जिस भी व्यक्ति ने पत्र लिख वारदात की जानकारी दी उसने साहस का काम किया है। उसका पता लगाया जा रहा है। चार शिकारी गिरफ्तार किए गए हैं अन्य चार की तलाश जारी है।
अब तक कई जानवरों की मौत
ऐसा नहीं कि इस तरह की यह कोई पहली घटना हो. इससे पहले अब तक कई जानवरों को शिकारियों ने मौत की आगोश में पहुंचाया है. इनमें बाघ तेंदुआ भालू से लेकर अन्य दुर्लभ जानवर शामिल हैं. घने बीहड़ों जंगलों में स्थित गांव में ये शिकारी रहकर अपना शिकार करते हैं. पिछले दो सालों के अंदर करीब आधा दर्जन तेंदुए व बाघ शिकारियों की भेंट चढ़ चुके हैं.