गला घोंटकर की गई हत्या जनपद के राजापुर थाना क्षेत्र में सन 2008 में एक नाबालिग की हत्या के मामले में अभियुक्त का दोष सिद्ध होने पर अपर जिला जज कुसुमलता ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई और 25 हजार रूपये का अर्थदण्ड भी लगाया. मामले की जानकारी देते हुए अभियोजन अधिकारी श्रीराम यादव ने बताया कि राजापुर थाना क्षेत्र के एक व्यक्ति ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट के मुताबिक व्यक्ति ने बताया कि उसकी 11 वर्षीय पुत्री 9 जुलाई 2008 को दोपहर में भदेदू गांव थी. शाम तक बेटी के वापस न लौटने पर उसने खोजबीन शुरू की कि इसी दौरान उसे पता चला कि एक खेत में उसकी लड़की का शव पड़ा हुआ है, किसी ने उसकी दुपट्टे से गला घोंटकर हत्या कर दी है.
बदनीयती का शिकार हुई नाबालिग घटना के बाद अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई. विवेचना के दौरान पुलिस को कई अहम सुराग मिले. मृतका की बड़ी बहन और गांव के कुछ लोगों के बयान व सुरागरसी के बाद पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा करते हुए पड़ोसी गांव खोंपा के एक युवक पंकज सिंह को धर दबोचा. घटना के खुलासे के दौरान यह तथ्य सामने आया कि अभियुक्त अक्सर बालिका के साथ छेड़खानी किया करता था और घटना के दिन भी उसने नाबालिग को अपनी हवस का शिकार बनाना चाहा जिसका विरोध करने पर अभियुक्त ने दुपट्टे से गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी.
सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा पुलिस ने अभियुक्त के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया. 10 वर्षों तक बचाव और अभियोजन पक्ष की दलीलें सुनने के बाद शुक्रवार को अपर जिला जज की अदालत ने अभियुक्त पंकज सिंह को दोषी पाया और उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई साथ ही 25 हजार का अर्थदण्ड भी लगाया गया.