साधू-संतों ने बढ़ाया मदद का हांथ कोरोना से युद्ध के इस संकट काल में भगवान राम की तपोभूमि के साधू संत भी मदद को सामने आए हैं. विभिन्न मठ मंदिरों आश्रमों की ओर से जरुतमन्दों के लिए भोजन आदि की व्यवस्था की गई है. यूं तो इन जगहों पर में साल भर भंडारे आदि का आयोजन होता रहता है परन्तु इस विषम परिस्थिति में साधू संतों ने हर भूखे का पेट भरने का जिम्मा उठाया है. इतना ही नहीं इंसानों के अलावा बेजुबानों की उदर अग्नि भी शांत की जा रही है. तीर्थ क्षेत्र में सैकड़ों हजारों की संख्या में मौजूद बंदरों का पेट भरने के लिए साधू संत अपने अपने स्तर से इंतजाम में लगे हुए हैं. आर्थिक तौर पर भी धर्म नगरी के संतों ने सहयोग किया है. बतौर उदाहरण कामदगिरि प्रमुख द्वार के महंत मदनगोपाल दास ने डीएम शेषमणि पांडेय को 51 हजार रुपए इस आपदा काल में सहयोग के रूप में प्रदान किया. जिलाधिकारी ने भी साधू संतों की इस संवेदनशीलता पर उन्हें धन्यवाद दिया.
पीएम मोदी के करीबी संत वितरित कर रहे भोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी तुलसी पीठाधीश्वर रामभद्राचार्य विभिन्न जरूरतमंद गांवों में भोजन वितरण करा रहे हैं. प्रतिदिन सुबह शाम 500 लोगों के भोजन की व्यवस्था की जा रही है रामभद्राचार्य के तुलसी पीठ की तरफ से. लोग भी सहयोग कर रहे हैं हर तरह से. इसी तरह कई आश्रम मठ मंदिर भी अपनी तरफ से अन्न क्षेत्र का संचालन कर रहे हैं. व्यापारी सामाजिक एवं स्वयंसेवी संगठन सहित समाज के संवेदनशील लोग हर भूखे का पेट भरने को पूरी तरह प्रयासरत हुए देखे जा सकते हैं.