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यह था मामला- 12 फरवरी को चित्रकूट के आयुर्वेदिक तेल कारोबारी ब्रजेश रावत के जुड़वा बेटो प्रियांश और श्रेयांश का एक स्कूल बस से अपहरण हुआ था। अपहरणकर्ताओं ने २० लाख रुपए फौराती की मांग की थी। बाद में अपराधियों ने पकड़े जाने के डर बच्चों के हाथ-पैर बांधकर उन्हें नदी में फेंक दिया था, जिससे उनकी मौत हो गई। पुलिस की पूछताछ के दौरान गिरफ्तार हुए ६ शातिरों ने इस पूरे घटनाक्रम को कुबूल भी किया था। हत्या की इस घटना ने हर किसी को हिलाकर रख दिया था। मामले में अपहरण के 12 दिन बीत जाने के बाद भी बच्चों का पता लगाने में असफल रही मध्य प्रदेश पुलिस की बड़ी नाकामी सामने आई थी।
यह था मामला- 12 फरवरी को चित्रकूट के आयुर्वेदिक तेल कारोबारी ब्रजेश रावत के जुड़वा बेटो प्रियांश और श्रेयांश का एक स्कूल बस से अपहरण हुआ था। अपहरणकर्ताओं ने २० लाख रुपए फौराती की मांग की थी। बाद में अपराधियों ने पकड़े जाने के डर बच्चों के हाथ-पैर बांधकर उन्हें नदी में फेंक दिया था, जिससे उनकी मौत हो गई। पुलिस की पूछताछ के दौरान गिरफ्तार हुए ६ शातिरों ने इस पूरे घटनाक्रम को कुबूल भी किया था। हत्या की इस घटना ने हर किसी को हिलाकर रख दिया था। मामले में अपहरण के 12 दिन बीत जाने के बाद भी बच्चों का पता लगाने में असफल रही मध्य प्रदेश पुलिस की बड़ी नाकामी सामने आई थी।
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चित्रकूट में आईजी रींवा चंचल शेखर ने मीडिया से बातचीत में बताया था कि जिन छह लोगों को पुलिस ने मामले में गिरफ्तार किया था, ये पेशेवर अपराधी नहीं थे, बल्कि संपन्न घरों के लड़के थे। और जल्द पैसा कमाने के लालच में इस वारदात को उन्होंने अंजाम दिया था।