विभागीय जांच को लिखा पत्र
जेल अधीक्षक अशोक सागर के खिलाफ विभागीय जांच के लिए शासन को पत्र लिखा गया है। जेलर और डिप्टी जेलर के खिलाफ डीजी जेल ने विभागीय जांच के आदेश दिए हैं। आरोप है कि निखत के साथ मिलकर विधायक अब्बास अंसारी को जेल से भगाने की साजिश रची गई। सभी सस्पेंड किए गए जेल कर्मियों पर जांच शुरू कर दी गई है।
मनी लॉन्ड्रिंग में बंद है अब्बास
मनी लॉन्ड्रिंग में अब्बास जिला जेल रगौली में लगभग ढाई महीने से बंद है। मुखबिर की सूचना पर शनिवार को डीएम अभिषेक आनंद और एसपी वृंदा शुक्ला प्राइवेट वाहन से जिला जेल पहुंचीं। दोनों सीधे अब्बास की बैरक में पहुंचे। लेकिन वह नहीं मिला। वहां से कुछ आपत्तिजनक चीजें बरामद हुईं।
डीएम और एसपी मुलाकाती कक्ष में पहुंचे तो वहां भी कोई नहीं था। परिसर में ही डिप्टी जेलर के कमरे के बाहर ताला लगा था, जबकि निखत अंदर बैठी थी। डीएम और एसपी ने बताया कि एक मिनट पहले ही अब्बास वहां से निकलकर अपनी बैरक में चला गया था।
निखत ने पुलिस को धमकाया
महिला पुलिस ने जब निखत को गिरफ्तार किया तो उसने गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी। उसके पास से दो मोबाइल, सऊदी अरब की कुछ मुद्राएं, 21 हजार रुपए और सोने के जेवर बरामद हुए हैं।
इनके खिलाफ एफआईआर
जेल के बाहर गाड़ी लिए खड़े निखत के ड्राइवर नियाज को भी पकड़ लिया गया है। अब्बास, निखत, नियाज, जेल अधीक्षक अशोक सागर, डिप्टी जेलर सुशील कुमार, कांस्टेबल जगमोहन और कुछ अज्ञात ड्यूटीरत सिपाहियों के खिलाफ कई आरोप लगे हैं।
विधायक को जेल से भगाने की साजिश रचने, हत्या और रंगदारी वसूलने की धमकी, नियमों की अनदेखी कर मुलाकात करने-करानेे, जेल में आपत्तिजनक सामान रखने के आरोप में केस दर्ज किया गया है। मेडिकल के बाद शाम को निखत व नियाज को जेल भेजा गया।