रहस्यों की पहाड़ी लक्ष्मण पहाड़ी
चित्रकूट स्थित भगवान कामतानाथ परिक्रमा मार्ग पर पड़ने वाली लक्ष्मण पहाड़ी रहस्यों से भरी है. एक उचित एंगल पर मौजूद इस पहाड़ी से चारों दिशाओं में सटीक तरीके से देखा जा सकता है. हर तरफ से पहाड़ी का मुख सीधा ही नजर आता है. पहाड़ी पर कई साधु तपस्वी आज भी राम नाम जपने में तल्लीन नजर आते हैं. लक्ष्मण पहाड़ी पर अब तक कई शोध हो चुके हैं. पहाड़ी पर स्थित एक चबूतरा है जो लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र है. कहा जाता है कि इसी चबूतरे पर बैठकर लक्ष्मण प्रभु श्री राम व माता जानकी की रखवाली किया करते थे. पहाड़ी पर एक मंदिर भी है जो सात से 8 सौ साल पुराना बताया जाता है. इस मंदिर में लक्ष्मण धनुष बाण लिए वीर आसन में बैठे हुए हैं.
मनोकामना होती है पूरी
पहाड़ी के पीछे एक स्थान पर लोग छोटे छोटे पत्थरों का मकान बनाकर अपना खुद का घर होने की मनोकामना मांगते हैं. लोगों का ऐसा विश्वास है और कहा जाता है कि ऐसा करने से मनुष्य की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. और वैसे भी चित्रकूट के विषय में महाकवि तुलसीदास ने कहा ही है कि”जा पर विपदा पड़त है सो आवत यही देश” यानी जिस पर विपदा पड़ती है वही चित्रकूट में आता है क्योंकि यहां भगवान कामतानाथ हर तरह के दैहिक दैविक और भौतिक कष्टों को हर लेते हैं. कहा भी गया है कि”कामदगिरि भे राम प्रसादा अवलोकत अपहरद बिषादा”. महंत दिव्य जीवनदास बताते हैं कि चित्रकूट में श्री राम की अलौकिक ऊर्जा का एहसास आज भी होता है और लक्ष्मण पहाड़ी सहित बहुत से ऐसे स्थान हैं जो अपने आप में रहस्यों से भरे हैं. जरूरत है तो इन्हें देश दुनिया के पर्यटन मानचित्र पर लाने की.
लक्ष्मण पहाड़ी पर रोप वे बनकर पूरी तरह तैयार है बस इंतजार है तो उद्घाटन का. कहा जा रहा है कि यह यूपी का पहला रोप वे है. अभी श्रद्धालुओं को सैकड़ों सीढ़ी चढ़कर लक्ष्मण पहाड़ी तक पहुंचना पड़ता है. रोप वे चालू होने से जहां एक ओर श्रद्धालुओं को सुविधा होगी वहीं पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा.