यूपी व केंद्र की सत्ता पर काबिज भगवा ब्रिगेड के सामने अपनी साख बरकरार रखने की चुनौती है तो वहीं विधानसभा चुनाव 2017 में चारों खाने चित्त सपा, बसपा, कांग्रेस निकाय चुनाव में खाता खोलने के लिए लालायित हैं। इन विपक्षी पार्टियों के पास सत्ता पक्ष की नीतियों को मुद्दा बनाने की गुंजाइश है तो वहीं सत्तासीन भगवा खेमा योगी व मोदी को चेहरा बनाते हुए प्रदेश व् केंद्र सरकार की उपलब्धियों को जनता के बीच ले जाने की रणनीति बना रहा है। बीजेपी के पास बुंदेलखण्ड में सरकार द्वारा दी गई सौगातों का ट्रम्प कार्ड है तो विपक्षियों के पास योजनाओं के धरातल पर उतरने की हक़ीक़त से जुड़ी निशानियां मुद्दों के रूप में निकाय चुनाव में चहलकदमी करने को आतुर हैं।
बुंदेलखण्ड में विधानसभा चुनाव में क्लीन स्वीप करने वाली बीजेपी की बांछे खिली हुई हैं कि उसकी सरकार की उपलब्धियां बेड़ा पार लगाएंगी। विपक्षियों की रणनीति बीजेपी के इस मंसूबे को ध्वस्त करना है। काफी कुछ मायने हैं कि बुंदेलखण्ड में योगी के दौरे को लेकर वो भी ऐसे समय जब निकाय चुनाव की घण्टी बज चुकी है और यूपी सीएम योगी ने बुंदेलखण्ड का दौरा कर करोड़ों, अरबों की योजनाओं का ढिंढोरा पीट दिया। योगी की सौगात पर बिछ रही है निकाय चुनाव की बिसात और स्थानीय बीजेपी इकाई किसी भी हालत में इन घोषणाओं को निकाय चुनाव में भुनाने से नहीं चूकेगी इतना तो तय है।
बुंदेलखण्ड में भी निकाय चुनाव की हलचल रफ़्तार पकड़ रही है। विधानसभा चुनाव में पूरा मैदान मारने वाली बीजेपी में टिकटार्थियों की लंबी लाइन है। यूपी व् केंद्र की सत्ता पर आसीन होने की वजह से सबकी निगाहें भी बीजेपी पर टिकी हैं और विपक्षी अपनी रणनीति बनाने में लगे हैं। इन सबके इतर जरा गौर फरमाते हैं बुन्देलखण्ड के निकाय चुनाव के परिदृश्य पर, बुन्देलखण्ड में मुद्दों की लंबी लड़ी है। हर राजनीतिक दल के पास एक दूसरे के खिलाफ मुद्दों की फ़ेहरिस्त तैयार है। कहा जाता है कि राजनेताओं के छींकने के भी राजनीतिक निहितार्थ होते हैं और जब मौसम किसी भी तरह के चुनाव का हो तो उस समय राजनेताओं की हर चहलकदमी (खासतौर से सत्तासीन पार्टी के) के कुछ न कुछ मायने अवश्य होते हैं। बुन्देलखण्ड में बीजेपी ने शायद इसी बिसात पर शतरंजी चाल चलते हुए विकास योजनाओं की घोषणाओं की सौगात बिछा दी। ठीक निकाय चुनाव के गर्माते माहौल में यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के बुंदेलखण्ड दौरे व की गई घोषणाओं को सियासत के पंडित एक अलग ही नजर से देख रहे हैं और ऐसा माना जा रहा है कि ये घोषणाएं कहीं न कहीं निकाय चुनाव पर वोटों की गुणा गणित पर असर डालेंगी।
उपलब्धियों को भुनाने के फेर में बीजेपी, खेलेगी हिंदुत्व का कार्ड
बीजेपी निकाय चुनाव में चारों ओर जीत का परचम लहराने का सपना देख रही है। प्रदेश और केंद्र सरकार की उपलब्धियों को भुनाने की पूरी तैयारी में है। बीजेपी के जिलाध्यक्ष अशोक जाटव का कहना है कि निकाय चुनाव जीतना लक्ष्य है। बुंदेलखण्ड में योगी जी के दौरे पर जो घोषणाएं हुई हैं वो दर्शाती हैं कि सरकार के लिए बुंदेलखण्ड क्या अहमियत रखता है। जिलाध्यक्ष के मुताबिक चित्रकूट को जिस तरह से मुख्यमंत्री ने बड़ी योजनाओं की सौगात दी है उसे लेकर जनता के बीच जाएंगे। बीजेपी जिलाध्यक्ष के मुताबिक हिंदुओं की आस्था के केंद्र अयोध्या बनारस और चित्रकूट में मुख्यमंत्री ने हिंदुओं के गौरव को वापस दिलाया है। पिछली सरकारें हिंदुओं की आस्था पर कुठारा घात करती थीं।
अरबों की सौगात पर चुनाव की बिसात
यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के दो दिवसीय बुंदेलखण्ड दौरे के दौरान हमीरपुर महोबा व चित्रकूट को अरबों करोड़ों की योजनाओं की सौगात दी गई। हमीरपुर में 188.96 करोड़ महोबा में 80.89 करो़ड़ तथा चित्रकूट में रामायण सर्किट योजना के तहत करोड़ों की योजनाओं का शिलान्यास, बीजेपी इन घोषणाओं को निकाय चुनाव में बाकायदा तुरुप के पत्ते के रूप में इस्तेमाल करेगी। विपक्षियों के पास यदि साफ़ सफाई का मुद्दा है तो बीजेपी के पास स्वच्छता अभियान के रूप में उसकी काट मौजूद है। अलबत्ता महंगाई, नोटबन्दी और जीएसटी आदि ऐसे मुद्दे हैं जो भगवा ब्रिगेड को परेशान करेंगे।
आसान नहीं बीजेपी की राह
बुंदेलखण्ड में विकास परक योजनाओं की लकीरें खींचने वाली बीजेपी की राह इतनी भी आसान नहीं है। सबसे बड़ी समस्या बिजली और पानी की है बुन्देलखण्ड में जिससे लगभग हर गांव शहरी व नगर क्षेत्र त्रस्त है। सीएम योगी की घोषणा में बिजली पानी पर विशेष ध्यान दिया गया है परन्तु यह भी एक सच्चाई है कि जब से यूपी में योगी सरकार आई है बुंदेलखण्ड में बिजली की समस्या किसी से छिपी नहीं और जनता से लेकर जन प्रतिनिधि यहां तक के खुद बीजेपी को यह कहते हुए नजर आए कि इससे अच्छी व्यवस्था बिजली की तो पिछली सपा सरकार में थी। इन मूलभूत मुद्दों, समस्याओं पर भगवा खेमा चारों तरफ से घिर सकता है जिससे निकलना उसके लिए मुश्किल होगा।