इंसानी भूल की वजह से वर्तमान समय में भीषण पेयजल संकट भविष्य की ओर बढ़ते हुए अपनी विकरालता का संकेत दे रहा है तो इस तथ्य में शायद ही कोई संशय होना चाहिए। छोटी बड़ी नदियों को बांध व प्रदूषण और अवैध खनन के द्वारा नष्ट होने के कगार पर लाया जा रहा है। जल जंगल और जमीन के दोहन के चलते भूजल स्तर औसत से काफी नीचे जा रहा है, इन्हीं प्रमुख विषयों आदि को लेकर शुरू किया गया है पत्रिका का अमृतं जलम् अभियान।
मंदाकिनी को बचाने का सङ्कल्प पत्रिका के अमृतं जलम् अभियान के तहत भाजपा सांसद (चित्रकूट बांदा लोकसभा) भैरव प्रसाद मिश्रा सहित कई समाजसेवियों और ग्रामीणों व मजदूरों ने पहाड़ी ब्लाक में पवित्र मंदाकिनी को बचाने का सङ्कल्प लिया। आज कई जगहों पर मंदाकिनी का अस्तित्व या तो एकदम खतरे में या उसका जलस्रोत विलुप्त हो गया है और जहां पानी की मौजूदगी है भी वहाँ प्रदूषण की काली छाया ने मंदाकिनी को कराहने पर मजबूर कर दिया है। अभियान के तहत पुण्य सलिला के इस दर्द को महसूस किया गया और नदी को उसका स्वरूप वापस लौटने व लोगों को अपनी इस धरोहर के प्रति जागरूक किया गया।
मंदाकिनी हमारी धरोहर हमें ही बचाना है इसे अभियान के तहत ग्रामीणों के बीच पहुंचे सांसद भैरव प्रसाद मिश्रा ने भी हांथों में फावड़ा लेकर विलुप्त हुए जलस्रोतों की खोदाई में अपना श्रमदान किया। ग्रामीणों के बीच चौपाल लगाकर उन्हें नदियों के महत्व के बारे में समझाते हुए उनसे राम की मंदाकिनी को बचाने की अपील की गई। सांसद ने कहा कि हमारी धरोहरों को सबसे पहले हमें ही आगे आकर बचाना होगा यदि ऐसा नहीं किया गया तो भविष्य खतरे का संकेत दे रहा है।
जल संरक्षण के प्रति भी जागरूकता ग्रामीणों को जल संरक्षण के प्रति भी जागरूक किया गया, मसलन खेत का पानी खेत में और बारिश का पानी भी संरक्षित किया जा सकता है जैसे विषयों पर चिंतन मनन किया गया।