सीतापुर के रत्नावली मार्ग में सोने चांदी की दुकान करने वाले चुन्नीलाल केसरवानी और उसके बेटे सौरभ को लोगों ने समशान में रात्रि 12,:30 बजे पकड़ने के बाद पुलिस के हवाले कर दिया। बताते हैं। कि भागवताचार्य विजय पांडे की मौत होने के बाद परिजनों ने उनका अंतिम संस्कार बड़े हनुमान मंदिर शमशान घाट पर किया था।
मृतक के भाई विनोद पांडे ने बताया कि उसके भाई भागवत के साथ साथ तंत्र साधना भी करते थे मौत के बाद जानकारों ने उनको सचेत किया था। कि आधी रात में 12:00 से 3:00 के बीच कोई भी तांत्रिक उनके भाई की आत्मा को सिद्ध कर सकता है।इसके लिए वो लोग रात भर शमशान घाट के करीब रहकर उनकी चिता पर नजर रखे थे।
बताया कि वह चार पांच लोग आधी रात को शमशान घाट के पास बैठे थे। करीब 12:30 दो लोग काले कपड़े पहनकर पहुंचे और मंदाकिनी में स्नान के साथ ही तंत्र साधना शुरू कर दी। इसके बाद शमशान घाट में जिस जगह उनके भाई के शव को मुखाग्नि दी गई थी। वहां पर वह दोनों पहुंचे इनमें एक तांत्रिक ने तंत्र साधना शुरू की यह देखकर वह लोग वही मौके पर पहुंचे और उनको आवाज लगाया।
इसके बाद उन्होंने डायल 112 को सूचना देकर दोनों तांत्रिकों को पुलिस के हवाले कर दिया आरोप लगाया है। कि तांत्रिक पिता पुत्र दोनों उनके भाई की मृत आत्मा को सिद्ध तांत्रिक क्रियाओं के लिए सिद्ध करना चाहते थे।
पुलिस का कहना है कि जिनको तांत्रिक क्रियाओं के आरोप में सौंपा गया है। उन लोगों से पूछताछ की जा रही है। फिलहाल दोनों बता रहे हैं। कि वह भगवान शंकर को भस्म चढ़ाने के लिए भस्म लेने शमशान घाट गए थे। मामले की छानबीन चल रही है। इन तांत्रिकों को कल से उस केसरवानी परिवार से भी जोड़कर देखा जा रहा है। जो तीन सालों से अपने पत्नी बच्चों को घर में कैद करके तंत्र मंत्र कर रहा था।