गौरतलब है कि सुबह गैंग की लोकेशन बहिलपुरवा थाना क्षेत्र के सती अनुसुइया जंगल में मिलने की सूचना पर एसपी के नेतृत्व में पुलिस टीमों ने घेरेबंदी की थी, जिस पर पुलिस के आने की सूचना पर गैंग बीहड़ में लुप्त हो गया। इस दौरान पुलिस को सर्चिंग के दौरान जंगल से भारी मात्रा में गैंग की खाद्य सामग्री व बर्तन तथा जलता हुआ चूल्हा बरामद हुआ था, जिससे यह पक्का हो गया कि गैंग इसी जंगल में डेरा डालते हुए भोजन की तैयारी कर रहा था। चूंकि भोजन से सम्बंधित अधिकतर खाद्य सामग्री जंगल में छूट गई सो मददगारों के माध्यम से बबुली दोबारा दैनिक उपयोग की वस्तुएं व खाद्य सामग्री मंगवा रहा था।
कुख्यात बबुली के तीन मददगारों को पकड़कर पुलिस को अपनी पीठ थपथपाने का थोड़ा मौका मिल गया है। तीनों (रामेन्द्र, दिनेश व रंजीत) मददगारों को उस समय जंगल से गिरफ्तार किया गया जब वे गैंग को दैनिक उपयोग की वस्तुएं पहुंचाने जा रहे थे। एसपी के मुताबिक मददगारों पर शिकंजा कसा जा रहा है और गैंग को भी ट्रेस करने का प्रयास जारी है। पकड़े गए तीनों मददगार आदिवासी बाहुल्य गांव घाटाकोलान के निवासी हैं। इस इलाके में बबुली के कई पनाहगार अक्सर खाकी की रणनीति को गैंग तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
पकड़े जाते हैं मददगार, हांसिल कुछ नहीं होता इस बीच गैंग के अनगिनत मददगारों को पकड़कर सलाखों के पीछे पहुंचाने वाली पुलिस को इसके बाद भी कुछ खास हांसिल नहीं होता. अक्सर दैनिक उपयोग की वस्तुएं पहुंचाने वाले मददगार ही पकड़े जाते हैं लेकिन गैंग को किन लोगों व् रास्तों द्वारा गोली व् खतरनाक हथियार आदि पहुंचाए जाते हैं यह आज तक पाठा के दस्यु इतिहास में साफ न हो पाया।
कई बार हुआ विवाद गैंग के मददगारों को पकड़कर जेल की हवा खिलाने वाली खाकी को कई बार विवाद का सामना भी करना पड़ा है। मसलन कई बार इधर मददगार पकड़े नहीं गए कि उधर दूसरे दिन उनके परिजनों व् अन्य ग्रामीणों ने पुलिस पर झूठे मामले में फंसाने का आरोप लगा दिया। उदाहरण के तौर पर अभी कुछ दिन पहले पुलिस पर अपने ही एक मुखबिर जो की गैंग के खिलाफ सहयोग करने के लिए खाकी से प्रशस्ति पत्र पा चुका था उसको बबुली की मदद करने के आरोप में जेल भेज दिया गया। अगले दिन उक्त मुखबिर की पत्नी एसपी कार्यालय परिसर में धरने पर बैठी हुई थी और उसने पुलिस पर अपने पति को फंसाने का आरोप लगाया था। अन्य कई ऐसे मामले देखने को आए जब पुलिस पर गैंग के नाम पर ग्रामीणों को प्रताडि़त उन्हें परेशान करने के आरोप लगे और खाकी की काफी फजीहत हुई।
मददगारों पर कसा जाएगा शिकंजा उधर पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार झा का कहना है कि बबुली के मददगारों पर शिकंजा कसा जाएगा और किसी निर्दोष को फंसाया नहीं जाएगा. पुलिस पर आरोप लगाना गलत है। गैंग के खात्में के लिए अभियान में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी।