जनपद का मानिकपुर, मारकुंडी व बहिलपुरवा थाना क्षेत्र जिसे पाठा के नाम से जाना जाता है. पाठा की आत्मा में बसते हैं कोल आदिवासी. आजादी के बाद से आज तक ये आदिवासी सियासत के लिए मात्र वोटबैंक बनकर रह गए हैं जबकि सिस्टम के किसी भी सांचे में इन्हें आज तक ढाला नहीं गया है. हर तरह की मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष इनके जीवन का फलसफा बन गया है. शिक्षा, स्वास्थ्य रोजगार जैसे हर क्षेत्र में कोल आदिवासियों की मौजूदगी न के बराबर है. बीहड़ में बसे इन आदिवासियों के कई गांवों में आज भी मूलभूत सुविधाएं मुंह मोड़े हुए हैं.
नहीं मिला जनजाति का दर्जा
कोल आदिवासियों को आज तक जनजाति का दर्जा नहीं मिल पाया. सन 1981 से लेकर 2013 तक कई प्रस्ताव भेजे गए केंद्र सरकार के पास राज्य सरकार द्वारा परन्तु हर बार उन प्रस्तावों को लौटा दिया गया राज्य सरकारों द्वारा. जनजाति का दर्जा देने हेतु सिफारिश सम्बन्धी ये प्रस्ताव सन 1981, 1998, 2000 व सन 2013 में राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को भेजे थे लेकिन सिफारिश को हर बार नामंजूर कर दिया गया. सन 2013 में यूपी में जब सपा सरकार थी तब एक नए अध्ययन रिपोर्ट के साथ केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया था परंतु महापंजीयक(आइजीआइ) ने पुनः इसे लौटा दिया. सन 2017 में यूपी में भाजपा की सरकार बनी लेकिन इस सरकार में अभी तक कोई पहल नहीं कि गई कोल आदिवासियों को जनजाति का दर्जा देने हेतु.
भाग्य पलटने में महत्वपपूर्ण भूमिका
ऐसा नहीं कि पाठा के ये कोल आदिवासी उंगलियों पर गिने जा सकते हैं बल्कि इनकी संख्या 40 हजार से अधिक है मानिकपुर विधानसभा क्षेत्र में. हर लोकसभा व विधानसभा चुनाव में ये कोल आदिवासी किसी भी दल के प्रत्याशी का भाग्य पलटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
डकैतों ने किया इस्तेमाल
कोल आदिवासी भले ही व्यवस्था की अनदेखी का शिकार हुए हों लेकिन बीहड़ के खूंखार डकैतों ददुआ, ठोकिया, रागिया, बलखड़िया आदि ने इनका बखूबी इस्तेमाल किया और आज इन्ही कोल आदिवासियों में से निकला कुख्यात बबुली कोल सूबे का सबसे बड़ा 6 लाख का इनामी डकैत है. इससे पहले राजू कोल, चेलवा कोल, नंदू कोल जैसे ददुआ गैंग के कुख्यात डकैतों ने खौफ का साम्राज्य कायम किया था. वर्तमान में पुलिस के लिए चुनौती बना 6 लाख का इनामी डकैत बबुली कोल उसका दाहिना हांथ डेढ़ लाख का इनामी लवलेश कोल बीहड़ में दहशत का दूसरा नाम हैं. बबुली ने भी कई युवा कोल आदिवासियों को अपनी गैंग का मुखबिर व सदस्य बना रखा है.