साधारण तरीके से मनाया गया जन्मोत्सव
चित्रकूट जहां के कण कण में भगवान राम का वास माना जाता है और जहां राम के प्रवास के कई प्रत्यक्ष उदाहरण मिलते हैं वहां भगवान राम का जन्मोत्सव साधारण तरीके से मनाया गया. कामदगिरि मंदिर में भगवान की पूजा अर्चना स्तुति की गई. लॉकडाउन के कारण श्रद्धालुओं की मौजूदगी नदारद रही. पवित्र मंदाकिनी नदी भी शांत रही. रामघाट सन्नाटे में सांस लेता दिखा. आस्थावानों की परछाई भी लॉकडाउन के चलते रामनवमी पर घर की दहलीज़ पार नहीं कर पाई. साधू संतों के लिए न तो भंडारे का आयोजन हो पाया न भजन कीर्तन आदि का.
चित्रकूट जहां के कण कण में भगवान राम का वास माना जाता है और जहां राम के प्रवास के कई प्रत्यक्ष उदाहरण मिलते हैं वहां भगवान राम का जन्मोत्सव साधारण तरीके से मनाया गया. कामदगिरि मंदिर में भगवान की पूजा अर्चना स्तुति की गई. लॉकडाउन के कारण श्रद्धालुओं की मौजूदगी नदारद रही. पवित्र मंदाकिनी नदी भी शांत रही. रामघाट सन्नाटे में सांस लेता दिखा. आस्थावानों की परछाई भी लॉकडाउन के चलते रामनवमी पर घर की दहलीज़ पार नहीं कर पाई. साधू संतों के लिए न तो भंडारे का आयोजन हो पाया न भजन कीर्तन आदि का.
महीने भर पहले से चल रही थी तैयारी रामनवमी पर राम की तपोभूमि में कई इलाकों में भव्य शोभा यात्रा निकाली जाती है. इसको लेकर आयोजक महीने भर पहले से ही योजना बनाने लगते हैं. इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ. इस बार भी महीने भर पहले शोभा यात्रा के आयोजकों ने बैठक आदि करते हुए 2 अप्रैल(2020) को पड़ने वाली रामनवमी पर भव्य शोभा यात्रा का प्लान बनाया था लेकिन कोरोना की काली छाया ने सारी खुशियाँ को अपनी आगोश में ले लिया. लोगों ने घरों में ही भगवान की स्तुति कर जनकल्याण की कामना भी की.