भारतीय सनातन परंपरा की झलक तपोस्थली में आयोजित 45 वें राष्ट्रीय रामायण मेले में विभिन्न विषय विशेषज्ञों धार्मिक विद्वानों और जानकारों की उपस्थिति से लोगों को प्राचीन भारतीय सनातन परंपरा की झलक मिल रही है। देश की सनातन संस्कृति के घोतक विद्वानों की अमृत वाणी से आम जनमानस ज्ञान की गंगा में डुबकी लगा रहा है। मेले में आए विभिन्न मतावलम्बियों ने एक स्वर में मानस की प्रासंगिकता को वर्तमान समय में अति आवश्यक बताते हुए उसे जीवन में उतारने की अपील की। इलाहाबाद से आए विद्वान डॉ सीताराम सिंह ने श्री रामचरितमानस की प्रसांगिकता का बखान करते हुए कहा कि आज विश्व में अशांति का वातावरण है, मानस के उद्देश्यों को आत्मसात करते हुए इस नकारात्मक
शक्ति को समाप्त किया जा सकता है। एक अन्य विद्वान रामप्रताप शुक्ल ने कहा कि वर्तमान दैनिक जीवन में श्री रामचरितमानस का यदि अनुसरण किया जाए तो जीवन में सकारात्मक परिवर्तन निश्चित है।
जारी रहा भक्तिमय कार्यक्रमों का दौर इस दौरान मेले में सांस्कृतिक भक्तिमय कार्यक्रमों का दौर जारी रहा। विकलांग विश्वविद्यालय के विशेष नारायण मिश्रा ने लोकगीत और भजन की प्रस्तुति कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। दृष्टिबधित कलाकारों ने वाद्ययंत्रों पर सधी हुई लय में गीत संगीत का सुमधुर राग छेड़ते हुए वातावरण को भक्तिरस में सराबोर कर दिया।
सीएम योगी के आगमन की संभावना से बढ़ी हलचल राष्ट्रीय रामायण मेले के समापन अवसर (17 फ़रवरी) पर यूपी सीएम
योगी आदित्यनाथ के आने की संभावना पर मेला कमेटी से लेकर प्रशासनिक अमलों में हलचल तेज हो गई है। डीएम शिवाकांत द्विवेदी, डीआईजी चित्रकूटधाम रेंज मनोज तिवारी ने मातहतों के साथ सीएम के उड़नखटोले के उतरने के संभावित स्थान बेड़ी पुलिया के पास निर्माणाधीन बस डिपो मैदान पर निरीक्षण करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिए। प्रशासनिक हलकों से आ रही खबर के मुताबिक सीएम यूपी 17 फरवरी को डेढ़ घण्टे के चित्रकूट दौरे पर आ सकते हैं जिसके तहत वे रामायण मेले के समापन समारोह में शिरकत करेंगे।