पूरे पाठा क्षेत्र सहित यूपी एमपी के सीमावर्ती इलाकों में दहशत का पर्याय बने साढ़े पांच लाख के इनामी दस्यु बबुली कोल और 50 हजार के इनामी दस्यु नवल धोबी पर एमपी पुलिस की भी नजरें टेढ़ी हो गई हैं। एक तरफ यूपी पुलिस कथित मुठभेड़ के दौरान बबुली गैंग के एक डकैत को गिरफ्तार कर सकी है तो दूसरी तरफ सुस्त अवस्था में चल रही एमपी पुलिस भी सक्रीय हो गई है। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर पड़ोसी रीवा और सतना जनपद की खाकी अपने अपने सीमावर्ती इलाकों में सर्च ऑपरेशन चलाते हुए कॉम्बिंग कर रही है।
एमपी पुलिस का साइलेंट ऑपरेशन कहा जाता है कि मध्य प्रदेश किसी भी कार्यवाही को बड़े ही सुनियोजित तरीके से अंजाम देती है। उसका ये गुण यूपी एसटीएफ में देखने को मिलता है। खूंखार दस्यु बबुली और नवल के खात्में के लिए भी कुछ इसी तरह का सुनियोजित प्लान एमपी पुलिस द्वारा बनाया जा रहा है। बीहड़ और पुलिस सूत्रों के मुताबिक शनिवार को दस्यु बबुली से हुई यूपी पुलिस की मुठभेड़ के बाद रविवार को एमपी पुलिस के एक सैकड़ा जवान सीमावर्ती इलाके में डेरा डाल चुके हैं। सतना एसपी राजेश हिंगड़कर के दिशा निर्देशन में टीमें कार्ययोजना बनाने में लगी हैं। तराई के सूत्रों के मुताबिक एमपी पुलिस के निशाने पर दस्यु बबुली और नवल दोनों हैं परंतु नवल को पहले ठिकाने पर लगाने की तैयारी चल रही है और उसकी गैंग का एक सदस्य पकड़ में भी आ चुका है। सीमावर्ती नयागांव, बरौंधा मझगवां धारकुंडी थाना क्षेत्रों में पुलिस टीमें लगातार कॉम्बिंग में हैं। ये इलाके बबुली के लिए पनाह लेने की दृष्टि से मुफीद माने जाते हैं।
सीमावर्ती इलाके में विचरण कर रहा बबुली इन सबके बीच दस्यु बबुली सीमावर्ती इलाके में पनाह लेते हुए विचरण कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक गैंग मुठभेड़ के बाद मध्य प्रदेश के जंगलों की तरफ भागा है। एमपी पुलिस के भी सक्रीय होने से डकैतों पर थोडा दबाव बढ़ गया है और वे थोड़े दिन बीहड़ में ही अंडर ग्राउंड होने की फ़िराक में हैं। बीहड़ से जुड़े कुछ सूत्रों के मुताबिक यदि दोनों राज्यों की पुलिस द्वारा संयुक्त अभियान चलाया जाए तो सफलता जल्दी मिल सकती है।