पहाड़ पर युवक का शव मिलने से सनसनी, हत्या कर कुचल दिया गया चेहरा
जनपद के जंगली और सीमावर्ती इलाके शवों का डम्पिंग प्वाइंट बनते जा रहे हैं।

चित्रकूट. जनपद के जंगली और सीमावर्ती इलाके शवों का डम्पिंग प्वाइंट बनते जा रहे हैं। साजिश को अंजाम देने के लिए हत्यारे चित्रकूट से लगी मध्य प्रदेश की सीमा को मुफीद समझ रहे हैं। पिछले कई महीनों के दौरान ऐसी कई लाशें सीमावर्ती इलाके में बरामद हुईं जिनकी शिनाख़्त करने में अभी तक पुलिस को पसीना बहाना पड़ रहा है।
बरामद हुआ युवक का शव
जनपद के मानिकपुर थाना क्षेत्र और सीमावर्ती मध्य प्रदेश के रीवा जनपद अंतर्गत सोहागी पहाड़ पर अज्ञात युवक का शव मिलने से सनसनी फैल गई है। युवक की हत्या कर पत्थर से उसका चेहरा बुरी तरह कुचला गया था। शव के आधे हिस्से को जमीन के अंदर गाड़ा गया था जबकि आधा शरीर बाहर चट्टान के पीछे छिपाया गया था। शव मिलने की जानकारी पर मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने शव की शिनाख्त का प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं मिली। शव काफी हद तक सड़ चुका था। पुलिस ने मृतक की उम्र लगभग 30 से 35 वर्ष के बीच आंकी है।
बेरहमी से की गई हत्या
थानाध्यक्ष सोहागी (रीवा जनपद) एसके शुक्ला ने आसपास के ग्रामीणों की मदद से शव को किसी तरह निकलवाया। मृतक बनियान व पैंट पहने था तलाशी के दौरान उसकी जेब में पुलिस को कुछ भी ऐसा नहीं मिला जिससे उसकी शिनाख़्त में मदद मिलती अलबत्ता घटना स्थल पर इलाहाबाद एडीशन का 15 जुलाई का एक अखबार पड़ा मिला। आशंका जताई जा रही है कि युवक की हत्या चार से पांच दिन पहले की गई है। हत्यारों ने सबूत मिटाने के लिए उसके चेहरे को बुरी तरह कुचल दिया और शव को आधा जमीन के अंदर गाड़ते हुए आधे हिस्से को चट्टान के पीछे छिपा दिया। प्रथम दृष्टया छानबीन के तहत पुलिस ने आस पास के इलाकों में पूछताछ की लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
थानाध्यक्ष के मुताबिक इलाका दस्यु प्रभावित है लेकिन इन दिनों इन गतिविधियों पर पूरा अंकुश है और शव कई दिन पुराना लग रहा है, संभावना यह भी है कि हो सकता हो मृतक इलाहाबाद या चित्रकूट जिले का कोई शख्श। जनपद के आसपास के अन्य थाना क्षेत्रों में फ़िलहाल ऐसे किसी युवक के गायब होने की सूचना नहीं है फिर भी तफ्तीश की जा रही है।
वारदातों को अंजाम देने का डम्पिंग ग्राउंड बनता जा रहा है सीमावर्ती इलाका
दो राज्यों के जटिल भौगोलिक परिदृश्य में स्थित चित्रकूट व् सीमावर्ती रीवा तथा सतना(मध्य प्रदेश) के जंगली पहाड़ी इलाके ऐसी घटनाओं के लिए शवों को ठिकाने लगाने का डम्पिंग ग्राउंड साबित हो रहे हैं। अभी सोमवार को सुबह भी चित्रकूट के मऊ थाना क्षेत्र अंतर्गत देऊरा जंगल में एक युवक का शव बरामद हुआ जिसकी गोली मारकर हत्या की गई थी उसकी भी शिनाख्त नहीं हो पाई। इसके आलावा अभी लगभग 4 महीने पहले जनपद के रैपुरा थाना क्षेत्र अंतर्गत मध्य प्रदेश के सीमावर्ती जंगल में भी युवक की हत्या कर शव को ठिकाने लगाया गया था। पिछले वर्ष मानिकपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत सीमावर्ती जंगल में दो युवतियों की निर्ममता से हत्या कर शव जंगल में फेंक दिया गया था। इस वर्ष जून में ही सीमावर्ती टिकरिया रेलवे स्टेशन के पास युवक का फांसी के फंदे से लटका शव बरामद हुआ था। ये कुछ घटनाएं बतौर उदाहरण हैं जो यह दर्शाती हैं कि आपराधिक खासतौर से साजिश के तहत हत्या की वारदातों को अंजाम देने वाले इस इलाके को काफी हद तक शव ठिकाने लगाने के लिए टारगेट पर रखते हैं।
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