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चित्रकूट में आयोजित हिंदू  एकता महाकुंभ में संघ प्रमुख ने किया आवाह्न, धर्म छोड़ने वाले करें घरवापसी

locationचित्रकूटPublished: Dec 15, 2021 05:53:19 pm

Submitted by:

Amit Tiwari

चित्रकूट में आयोजित तीन दिवसीय हिंदू एकता महाकुंभ में आरएसएस प्रमुख के साथ संकल्प लेते हुए लोगों ने कहा ‘मैं हिंदू संस्कृति का धर्मयोद्धा मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम की संकल्प स्थली पर सर्वशक्तिमान परमेश्वर को साक्षी मानकर संकल्प लेता हूं कि मैं अपने पवित्र हिंदू धर्म, हिंदू संस्कृति और हिंदू समाज के संरक्षण संवर्धन और सुरक्षा के लिए आजीवन कार्य करूंगा। मैं प्रतिज्ञा करता हूं कि किसी भी हिंदू भाई को हिंदू धर्म से विमुख नहीं होने दूंगा।

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चित्रकूट. भगवान श्रीराम की तपोभूमि में चित्रकूट में जगद्गुरू तुलसी पीठाधीश्वर पद्म विभूषण स्वामी रामभद्राचार्य की पहल पर आयोजित ‘हिंदू एकता महाकुंभ’ की बुधवार को विधिवत् शुरूआत हुई। हिंदू एकता महाकुंभ में मुख्य अतिथि की हैसियत से पहुंचे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने हिंदू धर्म छोड़ने वालों की घरवापसी का आह्वान किया। संघ प्रमुख ने कहा कि भय ज्‍यादा दिन तक बांध नहीं सकता है। अहंकार से एकता टूटती है। हम लोगों को जोड़ने के लिए काम करेंगे। संघ प्रमुख ने महाकुंभ में शामिल हो रहे लोगों को उन्‍होंने इसका संकल्‍प भी दिलाया। इस महाकुंभ में देशभर से आए संतों ने हिस्सा लिया। हिंदू एकता महाकुंभ का शुभारंभ संघ प्रमुख मोहन भागवत के साथ जगद्गुरु ने शंखनाद और वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच दीप प्रज्वलन कर किया
संघ प्रमुख ने लोगों को दिलाया धर्म रक्षा का संकल्प

हिंदू एकता महाकुंभ में आरएसएस प्रमुख के साथ संकल्प लेते हुए लोगों ने कहा ‘मैं हिंदू संस्कृति का धर्मयोद्धा मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम की संकल्प स्थली पर सर्वशक्तिमान परमेश्वर को साक्षी मानकर संकल्प लेता हूं कि मैं अपने पवित्र हिंदू धर्म, हिंदू संस्कृति और हिंदू समाज के संरक्षण संवर्धन और सुरक्षा के लिए आजीवन कार्य करूंगा। मैं प्रतिज्ञा करता हूं कि किसी भी हिंदू भाई को हिंदू धर्म से विमुख नहीं होने दूंगा। जो भाई धर्म छोड़ कर चले गए हैं, उनकी भी घर वापसी के लिए कार्य करूंगा। उन्हें परिवार का हिस्सा बनाऊंगा। मैं प्रतिज्ञा करता हूं कि हिंदू बहनों की अस्मिता, सम्मान व शील की रक्षा के लिए सर्वस्व अर्पण करूंगा। जाति, वर्ग, भाषा, पंथ के भेद से ऊपर उठ कर हिंदू समाज को समरस सशक्त अभेद्य बनाने के लिए पूरी शक्ति से कार्य करूंगा।’
हिंदू एकता महाकुंभ में ये लोग हुए शामिल

बुधवार को खास कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, श्रीश्री रविशंकर, ज्ञानानंदजी गीता मनीषी, सद्गुरु ब्रह्मेश्वरानंद, महानिर्वाणी अखाड़ा से रविंद्र पुरी, आचार्य लोकेश मुनि, साध्वी ऋतंभरा, स्वामी चिदानंद सरस्वती, रमेशभाई ओझा, निंबार्काचार्यश्री जी महाराज, आचार्य रामचंद्र दास, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के प्रतिनिधि केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे समेत संत समाज के लोग मंच पर मौजूद रहे।
हिंदू के एकत्र होने पर देशहित में काम होता है

श्री श्री रविशंकर ने कहा कि जब अन्य लोग एकत्र होते हैं तो दहशत होती है, जबकि हिंदू एक होता है तो देशहित के कार्य होते हैं। जो ईश्वर को नहीं मानते उनकी देशभक्ति पर बहुत बड़ा सवाल है। उन्होंने कहा कि 12 बिंदुओं पर जो मंथन हो रहा है, वह वाकई सराहनीय है।
हिंदुओं को बिखरना नहीं चाहिए

वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा कि हिंदुओं को बिखरना नहीं चाहिए। हमें खरबूजा दिखना चाहिए संतरा नहीं। बाहर भले ही धारियां हों लेकिन भीतर से एक हों। गऊ माता को जिंदा दफना दिया जा रहा है। सड़क पर बेहाल घूम रही हैं, गऊ और ब्राह्मण की रक्षा होनी जरूरी है। हर व्यक्ति घर में गाय बैल जरूर पालें।
भूला हुआ घर लौटे तो भूला नहीं कहते

पंजाब के महंत ज्ञानवीर सिंह ने कहा कि हम सब एक हों। हिमालय के हिंदू पर्वत से लेकर कन्याकुमारी तक हिंदुस्तान एक है, इसमें हमारा जन्म हुआ। यहां जन्म लेने वाले हिंदू हैं। आप अपने मूल में आ जाएं। भूला हुआ घर लौटे तो भूला नहीं कहते। अव्वल अल्लाह नूर उपाया, कुदरत के सब बंदे। एक नूर से जग उपजया, कौन भला कौन चंगे।
मदांकिनी तट पर आरती का बीड़ा उठाएं

कार्यक्रम में चिदानंद सरस्वती मुनि जी महाराज ने कहा कि मंदाकिनी तट पर आरती का बीड़ा उठाएं। रामचंद्र दासजी महाराज ने हम दो हमारे दो का संकल्प कराया और सरकार से आह्वान किया कि दो बच्चे वालों को ही वोट का अधिकार दिया जाए। साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि शादी बंधन में बंधने से पहले सुनिश्चित करें तन और मन कोरा और पवित्र हो। हिंदुओं के बच्चों को तुलसी के पौधे, गंगाजल से सींचा जाए।

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