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समाधान : स्टोन स्लरी से बनाई रेडी फॉर यूज टाइल्स

locationचित्रकूटPublished: Jan 17, 2016 02:12:00 pm

Submitted by:

shailendra tiwari

केंद्रीय बिल्डिंग अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) ने कोटा स्टोन स्लरी से
रेडी फॉर यूज टाइल्स और पेवर ब्लाक बनाने में सफलता हासिल कर ली है। स्लरी
से टाइल्स बनाने के बाद उनका सीधे भवन निर्माण में इस्तेमाल किया जा सकेगा।

केंद्रीय बिल्डिंग अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) ने कोटा स्टोन स्लरी से रेडी फॉर यूज टाइल्स और पेवर ब्लाक बनाने में सफलता हासिल कर ली है। स्लरी से टाइल्स बनाने के बाद उनका सीधे भवन निर्माण में इस्तेमाल किया जा सकेगा।

फ्लाईएश और सीमेंट टाइल्स की तरह बीस से पच्चीस दिन तक इन्हें न तो सुखाने की जरूरत पड़ेगी और ना ही इनको मजबूती देने के लिए तराई करनी होगी। स्लरी टाइल्स की कीमतें भी सामान्य टाइल्स से खासी कम हैं।

इमारती निर्माण की नीतियां निर्धारित करने और तकनीक के उच्चीकरण में शोध करने वाले देश के प्रमुख संस्थान सीबीआरआई ने कूड़ा समझ कर फेंक दी जाने वाली स्टोन स्लरी की खपत के बेहद कारगर रास्ते खोज निकाले हैं।

सीबीआरआई रुड़की के ऑर्गेनिक बिल्डिंग मैटेरियल ग्रुप की प्रधान वैज्ञानिक डॉ. रजनी लखानी और उनकी टीम ने कोटा स्टोन स्लरी से रेडी फॉर यूज टाइल्स और पेवर ब्लॉक बनाने में सफलता हासिल की है।

आमतौर पर टाइल्स निर्माता कच्चे माल के तौर पर सीमेंट और फ्लाईएश का इस्तेमाल करते हैं। सीमेंट की कीमतें ज्यादा होने और फ्लाईएश के परिवहन पर बड़ा खर्च आने से सामान्य टाइल्स के निर्माण की शुरुआत की महंगाई से होती है।

इन्हें बनाने के बाद 25 से 45 दिन तक धूप में सुखाना पड़ता है और मजबूती बढ़ाने के लिए रोजाना तराई करनी पड़ती है सो अलग। कुल मिलाकर सामान्य टाइल्स का निर्माण बेहद मेहनत भरा और खर्चीला होता है, लेकिन स्लरी टाइल्स के निर्माण बेहद सरल और सस्ता है।

आसानी से बनती है मजबूत टाइल्स
डॉ. रजनी लखानी ने बताया कि मुफ्त में मिलने वाली स्लरी रासायनिक रूप से सिलिका युक्त कैल्शियम कार्बोनेट शैल है। जिसमें चूना एलुमिना, रेत तथा आयरन के ऑक्साइड पाये जाते हैं। जो पानी के संपर्क में आने के बाद बेहद मजबूत जोड़ तैयार करते है।

इसलिए स्लरी की टाइल्स बनाने के लिए सिर्फ पानी मिलाने के बाद खास तौर पर तैयार किए गए टाइल्स प्लांट में डालना होता है। प्लांट चलाते ही टाइल्स बनकर बाहर आने लगती हैं। तैयार टाइल्स को कुछ देर बाद ही इस्तेमाल कर सकते हैं। इन्हें न तो सुखाने की जरूरत पड़ती है और ना ही पानी की तराई करने की।

खासी सस्ती हैं स्लरी टाइल्स
डॉ. रजनी लखानी ने बताया कि सीबीआरआई ने करीब छह लाख रुपए की लागत का स्लरी टाइल्स और पेवर ब्लाक प्लांट तैयार किया है। जिसमें बनी टाइल्स सामान्य टाइल्स से खासी सस्ती है। सीमेंट और फ्लाईएश की एक रंगीन टाइल्स बाजार में 22 रुपए से ज्यादा की मिलती है।

जबकि सामान्य इस्तेमाल में आने वाली स्लरी टाइल्स महज 15 रुपए की पड़ती है। सीबीआरआई ने रंगीन हैवी ड्यूटी टाइल्स भी बनाई है, जिसकी कीमत 19 रुपये पड़ती है। वहीं बाजार में मिलने वाला सीमेंट और फ्लाईएश के एक पेवर ब्लाक की कीमत 19 रुपए है। जबकि स्लरी के रंगीन पेवर ब्लाक की कीमत महज 15 रुपए है।

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