पवित्र मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित रामघाट के हिस्से में स्थित है तोतामुखी हनुमान मंदिर. इसी मंदिर के बगल में तुलसी गुफा. तोतामुखी हनुमान रूप व तुलसीदास का सम्बंध उस एक प्रसिद्ध चौपाई से है जिसमें कहा गया है कि” चित्रकूट के घाट पर भई संतन की भीर तुलसीदास चंदन घिसे,तिलक देत रघुबीर” अर्थात इस स्थान पर जब तुलसीदास लोगों को तिलक लगा रहे थे तो उसी समय राम व लक्ष्मण बाल रूप में तुलसीदास के सामने प्रकट हुए. लेकिन तुलसीदास उन्हें पहचान नहीं पाए. इसी समय हनुमान ने तोतामुखी रूप में तुलसीदास को उक्त चौपाई के द्वारा राम लक्ष्मण की पहचान के संकेत दिए और फिर तुलसीदास ने राम व लक्ष्मण के साक्षात दर्शन किए. यह स्थान हनुमान के सिद्धपीठ स्थानों में से एक है. जिस गुफा में तुलसीदास को राम व लक्ष्मण के दर्शन हुए आज भी वो गुफा मौजूद हैं और यहीं विराजमान हैं तोतामुखी हनुमान. हनुमान का यह रूप अत्यंत दुर्लभ माना जाता है जिसके दर्शन शायद ही कहीं और हो सके.