यूपी बोर्ड परीक्षा में कड़ी निगहबानी इस बार यूपी बोर्ड परीक्षा कड़ी निगहबानी में संचालित हो रही है। सरकार की नकल विहीन परीक्षा संपन्न करवाने की मंशा के चलते काफी हद तक नकल माफियाओं पर लगाम लगी है और काफी संख्या में विद्यार्थी परीक्षा भी छोड़ रहे हैं। परीक्षा केंद्रों में बराबर पुलिस प्रशासन की मौजूदगी के चलते नकल करने और करवाने वालों के पसीने छूट रहे हैं। जनपद में भी परीक्षा को सकुशल नकलविहीन संपन्न करवाने के लिए व्यापक स्तर पर तैयारियां की गई हैं। परीक्षा के लिए बनाए गए कुल 34 परीक्षा केंद्रों में 12 केंद्र संवेदनशील चिन्हित किए गए हैं। 11 सेक्टर मजिस्ट्रेट अपने अपने सेक्टर में परीक्षा की निगरानी करेंगे।
कड़ाई का दिख रहा असर पिछले कई वर्षों से नकल के लिए बदनाम यूपी बोर्ड परीक्षा की तस्वीर इस बार बदल गई है। नकलची विद्यार्थियों ने तो जैसे कसम खा ली है कि यदि नकल नहीं तो परीक्षा नहीं मतलब नकल के भरोसे बैठे रहने वाले सूरमाओं को इस बार निराशा हांथ लगी है। 6 फ़रवरी से शुरू हुई बोर्ड परीक्षा में अब तक लगभग ढाई हजार विद्यार्थियों ने परीक्षा से तौबा कर ली है। किसी को सिर तक घुमाने की इजाज़त नहीं है। मुख्यालय में तो और कड़ाई बरती जा रही है। प्रश्नों के उत्तर न आने पर परीक्षार्थी आसमां की ओर और सिर खुजलाते नजर आ रहे हैं।
शिक्षकों की कमी के चलते हो रही दिक्कत इन सबके बीच शिक्षकों की कमी के चलते कई केंद्रों पर कम परीक्षक तैनात किए गए हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक जितेंद्र सिंह ने कहा कि थोडा शिक्षकों की कमी है क्योंकि बेसिक शिक्षा विभाग से जितने अध्यापकों को मांगा गया था उससे काफी कम संख्या में अध्यापक अध्यापिकाएं मिले हैं जिससे थोड़ी दिक्कत है लेकिन परीक्षा संचालन में कोई लापरवाही नहीं बरती जा रही है। केंद्र व्यवस्थापकों को परीक्षा सकुशल सम्पन्न करवाने के सख्त निर्देश दिए गए हैं।