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यूपी की स्वास्थ्य व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह: दो प्रसूताओं की मौत, नवजात सुरक्षित

locationचित्रकूटPublished: Oct 04, 2017 07:23:22 am

लाख दावों के बावजूद प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था की अव्यवस्था अपना कद बढ़ाती जा रही है।

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चित्रकूट. लाख दावों के बावजूद प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था की अव्यवस्था अपना कद बढ़ाती जा रही है। जननी सुरक्षा योजना तो जैसे मजाक बनकर रह गई हो वो भी बुन्देलखण्ड के लिए। स्वास्थ्य महकमें की इसी बदइंतजामी की वजह से दो प्रसूताओं ने अपने नवजातों को जन्म देने के बाद दम तोड़ दिया। मृतकों के परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है तो वहीं परंपरागत अंदाज में घटना की जाँच की बात कहते हुए ज़िम्मेदार मखमली कुर्सियों में अंगड़ाई अंगड़ाई लेते हुए चैन की नींद सो गए। मृतकों के परिजनों में जहाँ नवजातों के जन्म को लेकर ख़ुशी है तो वहीं उनकी माँ के हमेशा बिछड़ने का गम और सिस्टम के प्रति गुस्सा भी है। लखनऊ दिल्ली से जननी सुरक्षा योजना के तहत आंकड़ों की बाज़ीगरी प्रस्तुत करने में माहिर हुक्मरानों के लिए ऐसी घटनाएं शायद आँख खोलने के लिए काफी हो परन्तु उन्हें शायद धरातल की अव्यवस्था का नज़ारा नज़र नहीं आता। जनपद में प्रसूताओं के इलाज में अक्सर लापरवाही की खबरें प्रकाश में आती रहती हैं लेकिन गरीब दबे कुचले और ग्रामीण क्षेत्रों से सम्बंधित लोग ऊंचे पायदानों पर आसीन जिम्मेदारों से कुछ नहीं कह पाते और जब कोई मामला मीडिया में चर्चा का विषय बन जाता है तो जाँच के आश्वासन की घुट्टी पिलाकर उस मामले को शांत कर दिया जाता है व् कार्यवाही के नाम पर शिथिलता बरती जाती है।


जनपद में दो नवजातों के जन्म लेते ही उनकी माँ उन्हें इस दुनिया में हमेशा के लिए छोड़ कर मौत की आगोश में समा गईं। सिस्टम को लानत देते हुए मृतकों के घरवालों में कोहराम मचा है। घटना की जानकारी के मुताबिक भरतकूप क्षेत्र के कोल्हुआ गांव निवासी नवल किशोर ने अपनी पत्नी राजमुनी(26) को तेज प्रसव दर्द होने पर निकट के शिवरामपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। बच्चे को जन्म देने के बाद प्रसूता (माँ) की मौत हो गई। मृतका के पति ने आरोप लगाया कि डॉक्टरों की लापरवाही के चलते उसकी पत्नी की मौत हुई। मृतका के पति के मुताबिक प्रसव के बाद उसकी पत्नी की हालत खराब हो गई और काफी खून बह गया। दर्द से कराहती पत्नी के इलाज के लिए वह बार बार चिकित्सकों से गुहार लगाता रहा लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई और उसकी पत्नी की मौत हो गई। इसी तरह का दूसरा मामला मुख्यालय स्थित जिला अस्पताल का है। मामले की जानकारी के मुताबिक खोह गाँव निवासी अभिलाष ने अपनी पत्नी गोमती (21) को डिलिवरी के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया। पति अभिलाष के मुताबिक प्रसूता वार्ड में इलाज में लापरवाही बरती गई। उसकी पत्नी की हालत खराब होने पर भी कोई ध्यान नहीं दिया गया और बच्चे के जन्म के बाद उसकी हालत अत्यंत खराब हो गई और कुछ समय बाद उसकी पत्नी ने दम तोड़ दिया। पति अभिलाष के मुताबिक खून की कमी होने पर उसे अन्यत्र रिफर किया गया था परन्तु जिला अस्पताल में ही लापरवाही के चलते पत्नी की मौत हो गई।

इस पूरे मामले में सीएमओ राम जी पाण्डेय का कहना है की उन्होंने पूरी घटना की जानकारी सम्बंधित अस्पताल से मांगी गई है और जांच कराइ जा रही है, जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। इन दोनों घटनाओं में खास बात यह कि जन्म लेने वाले दोनों नवजात स्वस्थ हैं लेकिन दुर्भाग्य से उनकी माँ अब इस दुनिया में नहीं हैं। इसे सिस्टम की बेचारगी कहें या बदनसीबी लेकिन सत्य यही है कि स्वास्थ्य व्यवस्थाएं सुधरने का नाम नहीं ले रहीं।

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