चित्रकूट

नल की टोटी से निकल रही शराब, जनता की हालत खराब, अधिकारियों ने कहा- जमकर पीजिए

लोग सोशल मीडिया पर शराब से भरी बोतलों और बाल्टियों की फोटो शयर कर रहे हैं…

चित्रकूटJun 12, 2018 / 11:26 am

नितिन श्रीवास्तव

नल की टोटी से निकल रही शराब, जनता की हालत खराब, जानें पूरा मामला

चित्रकूट. जनपद मुख्यालय में विगत कई दिनों से नल की टोटियों से शराब निकल रही है। लोग देखकर बिचक जा रहे हैं, हलक से नीचे उतारने की हिम्मत भी नहीं हो रही कि कहीं लीवर डैमेज न हो जाए। ये कहानी किसी एक घर की नहीं बल्कि पूरे जनपद मुख्यालय की है। लोग मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से शराब से भरी बोतलों यहां तक कि बाल्टियों की तस्वीरें शेयर करते हुए अपना दर्द बयां कर रहे हैं। उधर जल संस्थान का दिमाग भी खराब है कि आखिर ये हो क्या रहा है। जनता प्यासी मर रही है और आक्रोश बढ़ता जा रहा है। विपक्षी पार्टियां इसे मुद्दे के रूप में हवा देते हुए जनता की सहानुभूति पाने का अथक प्रयास शुरू कर चुकी हैं। समाजवादी पार्टी ने तो जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए जल्द से जल्द इस समस्या पर काबू पाने की बात कही और प्रशासन को चेतावनी भी दी कि यदि हीलाहवाली बरती गई तो पार्टी सड़क पर उतरकर आंदोलन करेगी।
 

टोटी से निकल रही शराब

मुख्यालय की जनता इन दिनों प्यासे सूखे हलक के साथ त्राहिमाम करने को मजबूर है कारण नल की टोटियों से पानी की जगह शराब के रंग का पानी यानी दूषित जलापूर्ति हो रही है। लोग चाहकर भी इस दूषित प्रदूषित पानी को हलक से नीचे नहीं उतार सकते क्योंकि ऐसा पानी पीने से स्वास्थ्य पर क्या असर हो सकता है यह आसानी से समझा जा सकता है। प्रथम दृष्टया तो पानी बिल्कुल शराब की तरह दिखाई पड़ता है लेकिन जब लोग बताते हैं कि दूषित जलापूर्ति का जीता जागता सबूत है तब जाकर यकीन होता है। सिस्टम को लगातार कोसते हुए जनता ज़िम्मेदारों के कानों पर भोंपू बजा रही है लेकिन ज़िम्मेदार करवटें बदलने के आलावा और कुछ नहीं कर रहे।
 

दूषित जलापूर्ति से परेशान सूखे हलक

मुख्यालय के कई मोहल्लों कस्बों में दूषित जलापूर्ति ने लोगों को हलकान कर रखा है। नलों की टोटियों से निकलता मटमैला कत्थई व् दूषित पानी लोगों को मुंह चिढ़ा रहा है। आसमान से बरसती आग के बीच भीषण गर्मी में प्यास बुझाने को आतुर लोग जब इस तरह की दूषित जलापूर्ति को देखते हैं तो बरबस ही सिस्टम को कोसने पर मजबूर हो जाते हैं। बाजार से मिनरल वाटर खरीदने को मजबूर हो रहे हैं मुख्यालय के बाशिंदे। सोशल मीडिया और मीडिया के माध्यम से लगातार दूषित जल की तस्वीरें वायरल करते हुए जनता सबूत दे रही है लेकिन समस्या का समाधान कब होगा यह यक्ष प्रश्न बनता जा रहा है।

विपक्षियों ने खोला मोर्चा

दूषित जलापूर्ति को लेकर विपक्षी पार्टियों ने मोर्चा खोल दिया है सत्तासीन भाजपा के खिलाफ। पार्टियों का कहना है जिस सरकार में जनता को साफ़ स्वच्छ पेयजल न उपलब्ध हो पाए उस सरकार की संवेदनशीलता समझी जा सकती है मूलभूत सुविधाओं को लेकर। सपा ने इस मुद्दे को हवा को देते हुए जिलाधिकारी विशाख जी अय्यर को ज्ञापन सौंप उनसे जल्द से जल्द इस समस्या की ओर ध्यान देने की बात कही है। सपा जिलाध्यक्ष अनुज यादव का कहना है कि यही हाल रहा और जलापूर्ति सुधारी नहीं गई तो पार्टी सड़क पर उतरकर आंदोलन करेगी अभी फ़िलहाल डीएम को ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया गया है। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष पंकज मिश्रा ने कहा कि बुन्देलखण्ड में वैसे भी पानी की कितनी समस्या है यह जगजाहिर है और जो पानी प्यास बुझाने के लिए मिल रहा है उसकी तस्वीर देख कर उसके दूषित होने का अंदाजा लगाया जा सकता है।

दूषित नहीं है पानी, पी सकते हैं

इस पूरे मामले को लेकर जल संस्थान के एक्सीएन आरएस यादव ने कहा कि मंदाकिनी नदी से जलापूर्ति की जाती है चूंकि नदी में पानी कम है और जल भी प्रदूषित है सो उसे साफ करने के लिए ब्लीचिंग पाउडर आदि ज्यादा मात्रा में डाला जाता है जिससे पानी का रंग थोड़ा पीला हो जाता है। लेकिन इसे पीने में कोई हानि नहीं है, सभी लोग जमकर पानी पीजिए। एक्सीएन ने बताया कि लोगों को जागरूक करने के लिए मीडिया के माध्यम से भी उन्हें जानकारी भी दी जा रही है।
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