इसे अंधविश्वास की पराकाष्ठा कहें या कुछ और कि एक युवक ने खुद को देवी मंदिर में बलि के रूप में देवी को अपना जीवन अर्पित कर दिया। युवक ने खुद का गला काटते हुए अपनी जीवन लीला समाप्त कर दी। घटना जनपद के पहाड़ी थाना क्षेत्र अंतर्गत लोहदा गांव की है। जानकारी के मुताबिक थाना क्षेत्र अंतर्गत दरसेड़ा गांव का निवासी युवक राजू उर्फ़ गिल्लू(25) नागपुर में रहकर कमाता था। होली के त्यौहार में वह अपने घर आया हुआ था। त्यौहार के दौरान गांव में सामान्य तरीके से घुले मिले गिल्लू को देखकर किसी को भी उसके अंदर के अंधविश्वास का अंदाजा नहीं था।
पास के ही लोहदा गांव में स्थित चौंसठ देवी मंदिर में लोगों ने खून से लथपथ एक युवक का शव देखा तो हड़कम्प मच गया। आनन फानन में पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव की शिनाख़्त करने का प्रयास शुरू किया जिसपर मृतक युवक की पहचान दरसेडा गांव निवासी गिल्लू के रूप में हुई।
अक्सर किया करता था देवी देवताओं से सबंधित बातें मृतक युवक के बारे में आम चर्चा के तहत जो निकल के आया वह यह कि वह अक्सर देवी देवताओं से सम्बंधित बातें किया करता था और चौंसठ देवी मंदिर में उसकी गहरी आस्था इस कदर थी कि उसे विश्वास था कि माता उसका कटा हुआ सर वापस कर देंगी। बहरहाल घटना के बाद इलाके में चर्चाओं का बाजार गर्म है।
युवक ने देवी को चढ़ाई अपनी जीभ उधर इसी तरह की एक दूसरी घटना में मानिकपुर थाना क्षेत्र में भी काली देवी मंदिर में रामनरेश(25) नाम के युवक ने देवी को अंधविश्वास के चलते अपनी जीभ काटकर चढ़ा दी। काफी देर तक लहू लुहान हालत में पड़े रहे युवक पर जब आस पास के लोगों की नजर पड़ी तो हड़कम्प मच गया, तुरंत पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने गंभीर रूप से घायल युवक को अस्पताल में भर्ती कराया।