जिला कारागृह में 338 की क्षमता के मुकाबले 591 बंदी मिले
चित्तौड़गढ़Published: Sep 25, 2021 10:05:55 pm
जिला कारागृह से कुछ साल पहले बंदियों के फरार होने की घटना होने के बावजूद जेल प्रशासन सबक लेने को तैयार नहीं है। जेल में ३३८ बंदियों को रखने की क्षमता है, लेकिन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव ने औचक निरीक्षण किया तो वहां ५९१ बंदी पाए गए।
जिला कारागृह में 338 की क्षमता के मुकाबले 591 बंदी मिले
चित्तौडग़ढ़
जिला कारागृह से कुछ साल पहले बंदियों के फरार होने की घटना होने के बावजूद जेल प्रशासन सबक लेने को तैयार नहीं है। जेल में ३३८ बंदियों को रखने की क्षमता है, लेकिन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव ने औचक निरीक्षण किया तो वहां ५९१ बंदी पाए गए। विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव भानु कुमार शुक्रवार को जिला कारागृह का औचक निरीक्षण करने पहुंचे। निरीक्षण के दौरान कारागृह में ५७६ पुरूष व १५ महिला बंदी पाई गई। जबकि कारागृह में ३३८ बंदियों को रखने की ही क्षमता है। यह समस्या हर बार यूटीआरसी की बैठक में भी सामने आती है, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। निरीक्षण के दौरान जेलर डूलेसिंह ने कोरोना महामारी को लेकर कारागृह में बरती जा रही सावधानियों से प्राधिकरण सचिव को अवगत कराया। जेलर ने बताया जल वारंट के साथ बंदी की कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट लेने के बाद ही बंदी को जेल में दाखिल किया जाता है। प्रतिदिन पन्द्रह से बीस बंदियों की वीसी के जरिए पेशी कराई जा रही है। कारागृह में संचालित केंटिन में ऑनलाइन भुगतान की सुविधा प्रारंभ कर दी गई है। कारागृह में डिस्पेंसरी के बारे में जानकारी लेने पर सामने आया कि वहां दवाइयों की पर्याप्त उपलब्धता है, लेकिन चिकित्सक की व्यवस्था नहीं है। बीमार बंदियों का उपचार मेल नर्स के भरोसे ही है। प्राधिकरण सचिव ने कारागृह में टीबी व एड्स पीडि़त बंदियों का विशेष ध्यान रखने के जेलर को निर्देश दिए। कारागृह में स्थित महिला बैरक का भी निरीक्षण किया गया। महिलाओं से उनको दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की गई।