आबकारी विभाग के अधिकारी ने बताया कि स्प्रीट का काम शराब बनाने मे आता है। सरकारी फैक्ट्रियों में शराब बनने से पहले स्प्रीट की जांच होती है। शराब बनने के बाद भी उसकी जांच होती, लेकिन अवैध रूप से बनने वाली शराब में यदि स्प्रीट की मात्रा ज्यादा हो जाती है तो शराब सेवन करने वालों की जान भी ले सकते है।
राजमार्र्गो के कई ढाबों पर स्प्रीट का अवैध कारोबार भी चल रहा है। स्प्रीट सप्लाई करने वाले टैंकर डाइवर, ढाबा संचालक और स्प्रीट तस्कर के बीच सांठगांठ होने से इसकी तस्करी हो रही है। सूत्रों के अनुसार इस क्षेत्र से उदयपुर, राजसंमद, प्रतापगढ़, चित्तौडग़ढ़, डूंगरपुर व बांसवाड़ा में स्प्रीट सप्लाई की जाती है। तस्कर टैंकर ड्राइवर से सांठगांठ कर अवैध रुप से टैंकर से स्प्रीट निकालकर मांग के अनुसार उपलब्ध करा देते है।
देर रात कार्रवाई करने पहुंची आबकारी अधिकारियों को टॉर्च की रोशनी में कार्रवाई करनी पड़ी। गांव से दूर बने फार्महाउस पर लाईट नहीं होने से अधिकारियों को टॉर्च की सहायता से कार्रवाई करनी पड़ी। आबकारी विभाग के पास मुखबीर की इसकी सूचना तीन-चार दिन पहले ही आ गई थी, लेकिन लगातार बारिश-अंधड़ के चलते विभाग पहले कार्रवाई नहीं कर पाया।