चित्तौड़गढ़

दीपावली बाद किसान नहरों से करेंगे रेलणी

चित्तौडग़ढ़. रबी फसल की रेलणी के लिए अब किसान नहरों के खोलने के इंतजार में है। इसके लिए प्रशासन ने किसानों के साथ बैठकें शुरू कर दी है। अब किसान नहरों के खुलने के साथ ही रेलणी के काम में व्यस्त हो जाएंगं। दीपावली के बाद जिले में विभिन्न बाधंों की नहरें खुलने का क्रम शुरू हो जाएगा

चित्तौड़गढ़Oct 31, 2021 / 07:36 pm

Avinash Chaturvedi

दीपावली बाद किसान नहरों से करेंगे रेलणी

चित्तौडग़ढ़. रबी फसल की रेलणी के लिए अब किसान नहरों के खोलने के इंतजार में है। इसके लिए प्रशासन ने किसानों के साथ बैठकें शुरू कर दी है। अब किसान नहरों के खुलने के साथ ही रेलणी के काम में व्यस्त हो जाएंगं। दीपावली के बाद जिले में विभिन्न बाधंों की नहरें खुलने का क्रम शुरू हो जाएगा। शहर एवं निम्बाहेड़ा के गंभीरी बांध की दोनों नहरें १५ नवंबर को खोल दी जाएगी। पच्चीस दिन चलाने के बाद नौ दिसंबर को इन नहरों में पानी बंद कर दिया जाएगा। गत दिनों जिला कलक्टर ताराचंद मीणा व जल संसाधन विभाग के अधिशासी अभियंता राजकुमार शर्मा की मौजूदगी में यहां निम्बाहेड़ा रोड स्थित जल संसाधन विभाग के विश्रांति गृह में किसानों की बैठक में यह निर्णय किया गया था।
गंभीरी सिंचाई परियोजना से रबी फसलों की सिंचाई करने के मसले पर निर्णय के लिए हुई बैठक में सिंचित क्षेत्र के किसान, जल उपयोग्ता संगम के पूर्व सदस्यों, कर्मचारियों व अधिकारियों की मौजूदगी में कई प्रस्ताव पारित किए गए थे।
पन्द्रह नवंबर को खुलेगी नहरें
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय किया गया कि वर्ष २०२१-२२ में रबी फसलों की रेलणी के लिए गंभीरी बांध की मुख्य दांयी व मुख्य बांयी नहर पन्द्रह नवंबर को खोली जाएगी। बांयी नहर २५ दिन चलाकर नौ दिसंबर को बंद कर दी जाएगी। दांयी नहर बीस दिन चलाकर चार दिसंबर को बंद की जाएगी। दोनों नहरें बंद होने के बाद तेरह दिन के अंतराल पर पहली सिंचाई के लिए २३ दिसंबर को बांयी मुख्य नहर खोली जाएगी व बीस दिन बाद ११ जनवरी २०२२ को बंद कर दी जाएगी। जबकि दांयी मुख्य नहर १७ दिसंबर को खोली जाएगी और बीस दिन बाद ६ जनवरी २०२२ को बंद कर दी जाएगी। दूसरी सिंचाई के लिए तेरह दिन के अंतराल में बांयी मुख्य नहर २५ जनवरी २०२२ को खोली जाएगी और बीस दिन बाद १३ फरवरी २०२२ को बंद कर दी जाएगी।
दांयी मुख्य नहर बीस जनवरी को खोली जाएगी और आठ फरवरी को बंद कर दी जाएगी। बांध में पानी की उपलब्धता के अनुसार अंतिम सिंचाई के लिए तथा रबी की सिंचाई के दौरान बारिश या मावठ होने की स्थिति में नहर संचालन की तिथि व अंतराल परिवर्तन के लिए गठित समिति बैठक का आयोजन कर निर्णय करेगी। सभी सिंचाई, रेलणी व पिलाई के दौरान ठिकरिया माइनर नहर खोलने की तिथि से सात दिन बाद खोली जाएगी। अंतिम सिंचाई के लिए नहर बांध का जल स्तर नहर की एफएसडी आने तक निर्बाध रूप से चलती रहेगी।
वागन बांध से एक दिसम्बर से छोड़ेंगे पानी
डूंगला. क्षेत्र के प्रमुख जल स्रोत वागन बांध से रबी फसल 2021.22 के लिए सिंचाई के लिए जल वितरण की एक बैठक वागन बांध स्थित हनुमान मंदिर में हुई। जिसमें बैठक के लिए गए निर्णय अनुसार पहली रैलनी के लिए एक दिसंबर से नहरें खोली जाएगी। बांध स्थल पर जिला कलक्टर ताराचंद मीणा की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में बताया गया कि वर्तमान में बांध में 2.80 मीटर पानी भरा हुआ है इसमें से बड़ी सादड़ी में पेयजल हेतु सील लेवल से आधा मीटर तक पानी रखा जाएगा। शेष पानी जिसकी भराव क्षमता 399.76 एमसीएफटी है। यह पानी रबी फसल सिंचाई के लिए छोड़ा जाएगा।
बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार रेलनी के लिए एक दिसंबर से 20 दिसंबर तक दाईं मुख्य नहर व बाईं मुख्य नहर तथा आलोद माइनर से 3 दिसंबर से पानी छोड़ा जाएगा। इसके बाद प्रथम पिलाई के लिए एक जनवरी से पुन: नहरें खोली जाएगी एवं आधा मीटर तक पानी रहने के बाद बंद कर दी जाएगी। बताया गया कि मुख्य नहरों की सफाई विभाग द्वारा कराई जाएगी एवं कोई भी किसान ओड़े लगाकर या पंप लगाकर सिंचाई नहीं करेगा तथा पानी की चोरी करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा जिला कलक्टर ने पानी व्यर्थ नहीं जाने देने तथा नहरों की सफाई होने के बाद ही खोलने के निर्देश दिए। इस दौरान बैठक में जल संसाधन विभाग के अधिशासी अभियंता अख्तर जमीलए जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के सहायक अभियंता पुष्पेंद्र सैनी, जल संसाधन विभाग के कनिष्ठ अभियंता प्रतीक सिंह राठौड़, विभाग के जितेंद्र कुमार मीणा, रोड़ी लाल मेघवाल, पटवारी दीपशिखा जैन सहित काश्तकार मौजूद थे। जिला कलक्टर ने बांध का अवलोकन किया एवं आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

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