बजट में अधूरी ही रही मेडिकल कॉलेज की आस
चित्तौड़गढ़Published: Jul 11, 2019 01:04:41 pm
राज्य की वर्तमान कांग्रेस सरकार के बुधवार को विधानसभा में पेश पहले पूर्णकालिक बजट में भी चित्तौडग़ढ़ में मेडिकल कॉलेज खोलने की आस पूरी नहीं हो सकी।
बजट में अधूरी ही रही मेडिकल कॉलेज की आस
चित्तौडग़ढ़. राज्य की वर्तमान कांग्रेस सरकार के बुधवार को विधानसभा में पेश पहले पूर्णकालिक बजट में भी चित्तौडग़ढ़ में मेडिकल कॉलेज खोलने की आस पूरी नहीं हो सकी।
वित्त मंत्री के रूप में बजट पेश कर रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्ष 2013 के बजट में स्वयं इसकी घोषणा की थी लेकिन बुधवार को बजट में उन्होंने शिलान्यास किए जा चुके गंगानगर में तो फिर से मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा कर दी लेकिन चित्तौडग़ढ़ का जिक्र नहीं होने से लोगों को निराशा हुई। बजट में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में जरूर सरकार ने जिले के रावतभाटा में महाराणा प्रताप महाविद्यालय एवं बेगूं के रूपाजी करपाजी महाविद्यालय को पुन: राजकीय क्षेत्र में शुरू करने की घोषणा की। स्ववित्तपोषित इन महाविद्यालयों को वर्ष 2013 में भी सरकार ने ये दर्जा दिया था लेकिन प्रदेश की पिछली सरकार ने इनको डिनोटिफाई कर दिया था। बजट में प्रत्येक पंचायत समिति स्तर पर नंदीशाला खोलने, स्कूल व स्वास्थ्य केन्द्र क्रमोन्नत करने, कृषक कल्याण कोष स्थापित करने जैसी घोषणाओं का लाभ भी जिले को मिलने की उम्मीद है। पर्यटन व औद्योगिक क्षेत्र में जिले को कोई बड़ी सौगात नहीं मिल पाई। राज्य के कई जिलों में नया औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करने की घोषणा की गई लेकिन उसमें भी चित्तौडग़ढ़ का नाम भूल गए।
राजस्थान सरकार के बुधवार को पेश बजट पर चित्तौडग़ढ़ जिले के लोगों की नजर रही। पर्यटन व संस्कृति के क्षेत्र में खास पहचान रखने वाले चित्तौडग़ढ़ जिले को इन क्षेत्रों में कोई बड़ी सौगात मिलने की उम्मीद थी लेकिन वे बजट से पूरी नहीं हुई। औद्योगिक जगत पर कोई बड़ा भार तो नहीं डाला गया लेकिन चित्तौडग़ढ़ में नया औद्योगिक क्षेत्र नहीं खेालने से उद्यमियों में निराशा दिखी। बेगूं व रावतभाटा को फिर सेे सरकारी कॉलेज का दर्जा देने का लाभ अवश्य उन क्षेत्रों के उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों को मिलेगा। गांवों के मास्टर प्लान बनाने व आवासन मंडल के बिना बिके मकानों को पचास प्रतिशत छूट तक बेचने का प्रस्ताव भी अहम माना जा रहा है। स्कूलों में कक्षा 6 से 12 तक बालिकाओं के लिए आत्मरक्षा प्रशिक्षण अनिवार्र्य करना भी बजट में बड़ा कदम माना जा रहा है। पंचायत समिति स्तर पर नंदीशालाएं स्थापित करने की घोषणा सेे सड़कों पर आवारा पशुओं की समस्या से निजात मिलने की उम्मीद जगी है। बजट सोशल मीडिया परभी छाया रहा । बजट से चित्तौड़ को क्या मिला इसे लेकर बहस चलती रही। जहां कांग्रेस समर्थक इसे जनहितकारी बताते रहे, वहीं भाजपा समर्थकों ने इसे खानापूर्ति बताया।