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पक्षी विहार किशन करेरी में पहुंचने लग गए मेहमान परिन्दे

locationचित्तौड़गढ़Published: Oct 29, 2020 11:35:48 am

Submitted by:

Avinash Chaturvedi

चित्तौडग़ढ़. डूंगला. अक्टूबर माह की समाप्ति के आसपास क्षेत्र में सर्दी ने भी दस्तक दी है। शीत के आगमन के साथ ही सात समंदर पार के मेहमान परिंदे मेवाड़ की आबोहवा में अठखेलिया करने पहुंच चुके है। क्षेत्र के किशन करेरी, बड़वाई सहित अन्य तालाबों पर बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी पहुंचना शुरू हो गए।

पक्षी विहार किशन करेरी में पहुंचने लग गए मेहमान परिन्दे

पक्षी विहार किशन करेरी में पहुंचने लग गए मेहमान परिन्दे

चित्तौडग़ढ़. डूंगला. अक्टूबर माह की समाप्ति के आसपास क्षेत्र में सर्दी ने भी दस्तक दी है। शीत के आगमन के साथ ही सात समंदर पार के मेहमान परिंदे मेवाड़ की आबोहवा में अठखेलिया करने पहुंच चुके है। क्षेत्र के किशन करेरी, बड़वाई सहित अन्य तालाबों पर बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी पहुंचना शुरू हो गए।
किशन करेरी पक्षी विहार में अक्टूबर के पहले सप्ताह के साथ ही कुछ परिंदों ने अपनी हाजिरी लगाई थी वहीं अक्टूबर महीने के अंतिम सप्ताह तक प्रवासी पक्षियों की बड़ी संख्या में बढ़ोतरी हुई है। प्रतिवर्ष शीत बिताने हज़ारों की संख्या में प्रवासी पक्षी किशन करेरी तालाब को अपना आशियाना बनाते हैं। ये फरवरी व मार्च तक यहां रुकते है। इसके बाद ग्रीष्म आगमन के साथ पुन: अपने गन्तव्य पर रवाना हो जाते है। पक्षियों की दृष्टि से किशन करेरी तालाब बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां पक्षियों के आवास, भोजन व सुरक्षा की दृष्टि से यह तालाब अनुकूल है जिसके चलते प्रवासी पक्षी अपना प्रवासकाल यहां बिताना पसंद करते है।
किशन करेरी तालाब पर ग्रेट कस्टर्ड ग्रीब के जोड़े का नृत्य देखते ही बनता है व सारस की बुलंद आवाज यहां के वातावरण में हर वक्त गुंजायमान रहती है। पक्षियों के कलरव व अठखेलियों को देखने प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में पर्यटक किशन करेरी पहुंचते हैं। यहां बर्ड वॉचिंग का समय प्रात: 6 से 9 का अनुकुल रहता है वहीं सांय 4 से 6 सनसेट का व्यू देखते ही बनता है। यहां पक्षी दर्शन के लिए मचान व हाईड भी बनाए गए हैं। साथ ही पहले बुकिंग करवाने पर बैलगाड़ी व घुड़सवारी से भी पक्षी दर्शन करवाए जाते हैं। इस तालाब के आसपास बड़वाई, मंगलवाड़, नंगावली व वागन बांध में भी बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षियों को आसानी से देखा जा सकता है।
ये प्रजातियां पहुंची
पर्यावरण के लिए कार्यरत स्थानीय संगठन ग्रीन अर्थ नेचुरल सोसाइटी के सदस्यों ने बताया कि किशन करेरी तालाब पर प्रवासी पक्षी सुर्खाब, बार हेडेड गूज़, कॉमन पोचार्ड, फेरुजिनस पोचार्ड, नॉर्थेर्न शॉवलर, कॉमन टील, ग्रेट कस्टर्ड ग्रीब, यूरेशियन विजन, टुफ्टेड डक, कॉम्ब डक आदि पहुंच चुके हैं। साथ ही यहां सारस पक्षियों के जोड़े, ब्लैक नेक्ड स्टोर्क, वॉली नेक्ड स्टोर्क, पेंटेड स्टोर्क, लिटिल ग्रीब, लेजऱ विस्टलिंग डक, पर्पल स्वैम्पहेन, यूरेशियन स्पूनबिल, इग्रेट्स, कॉमन कूट आदि पक्षी आसानी से देखे जा सकते हैं। ये पक्षी सर्दियों के आगमन के साथ ही यहां पहुंच जाते हैं। इनको देखने के लिए दूरदराज से पक्षी व पर्यावरण प्रेमी यहां आते हैं।
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