चित्तौड़गढ़

बस्सी डेम में पांवणों को लुभाएगा नौकायन

जिले के बस्सी अभयारण्य के भ्रमण पर आने वाले देशी-विदेश पांवणों (पर्यटकों) को लुभाने के लिए अब वन विभाग की ओर से नौकायन और केफेटेरिया जैसी एंटिक सुविधाएं शुरू करने जा रहा है। इसकी सभी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और एक सितंबर से यह सुविधाएं शुरू कर दी जाएगी।

चित्तौड़गढ़Aug 19, 2019 / 09:18 pm

jitender saran

बस्सी डेम में पांवणों को लुभाएगा नौकायन

-बस्सी अभयारण्य क्षेत्र में होगा केफेटेरिया का इंतजाम
-एक सितंबर से पर्यटकों को मिलेगा तोहफा
-ईको ट्यूरिज्म को बढावा देने की दिशा में एक और कदम
चित्तौडग़ढ़
जिले के बस्सी अभयारण्य के भ्रमण पर आने वाले देशी-विदेश पांवणों (पर्यटकों) को लुभाने के लिए अब वन विभाग की ओर से नौकायन और केफेटेरिया जैसी एंटिक सुविधाएं शुरू करने जा रहा है। इसकी सभी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और एक सितंबर से यह सुविधाएं शुरू कर दी जाएगी।
राजस्थान राज्य के दक्षिणी भाग में स्थित चितौडगढ़ जिला वन एवं वन्यजीवों की दृष्टि से समृद्ध होने के कारण यहां ईको-ट्यूरिज्म की काफी संभावनाएं तलाशी गई हैं। देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के साथ ही आमजन में वन्यजीवों और वनों के प्रति जागरूकता बढाने तथा जिले में ईको-ट्यूरिज्म को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इन सुविधाओं की शुरुआत की जा रही है। इसके तहत बस्सी अभयारण्य क्षेत्र में स्थित बस्सी डेम में नौकायन व अभयारण्य क्षेत्र में केफेटेरिया शुरू किया जा रहा है। वन विभाग ने इसके लिए निविदा के बाद एक फर्म को आदेश दे दिया है। पर्यटकों के लिए यह सुविधा एक सितंबर से शुरू कर दी जाएगी।
प्रकृति का आनन्द ले सकेंगे पर्यटक
यहां आने वाले पर्यटक जलीय पक्षियों एवं वन्यजीवों की गतिविधियों को नदजीक से देख सकेंगे। साथ ही विभाग की ओर से डेम साईट व अभयारण्य क्षेत्र में नेचर टेउल भी बनाई गई है, जिस पर अभयारण्य भ्रमण के दौरान विभिन्न प्रकार की वनस्पति, पक्षी एवं वन्यजीवों से रूबरू होने के साथ ही प्राकृतिक नजारों का आनन्द ले सकेंगे।
रात्रि विश्राम की भी सुविधा
वन विभाग की ओर से अभयारण्य में निर्मित रेस्ट हाउस में पर्यटकों के रात्रि विश्राम के लिए पांच कमरें, केम्पिंग साईट भी उपलब्ध करवाई जाएगी, जहां पर्यटक रात्रि विश्राम भी कर सकेंगे। नौकायन एवं केफेटेरियां से ईको-ट्यरिज्म का विकास होने से स्थानीय लोगों को रोजगार भी उपलब्ध कराया जा सकेगा।
रात में ही सुन सकेंगे पैंथर की दहाड़
वन्यजीवों में रूचि रखने वाले पर्यटक यहां रात्रि विश्राम के दौरान ही पैंथर की दहाड़ और अन्य वन्यजीवों की आवाज सुन सकेंगे। रात के सन्नाटे में यहां पैंथर की दहाड़ की गूंज रेस्ट हाउस तक आसानी से सुनाई देती है। कई बार तो पैंथर का मूवमेंट रेस्ट हाउस से सौ-डेढ सौ मीटर तक की दूरी तक भी होता है। रेस्टहाउस के पास की तीर्थराज पुष्कर की तर्ज पर तम्बूनुमा कमरे भी बनाए गए हैं।
मंदिर में होंगे दर्शन, व्यू पॉइंट से दिखेंगे मगरमच्छ
पर्यटक यहां झरिया महादेव मंदिर और वन क्षेत्र में पहाड़ी पर स्थित टूकड़ा माता मंदिर के दर्शन के साथ ही अभयारण्य में स्थित क्रोकोडाइल व्यू पॉइंट से मगरमच्छ को करीब से देखने का आनन्द ले सकेंगे। इसके अलावा व्यू पॉइंट से बस्सी डेम का विहंगम नजारा, वॉच टावर, आमझरिया वाटर फॉल, आमझरिया होदी का भी लुत्फ उठा सकेंगे।
शुरू हो रही नौकायन व्यवस्था
बस्सी अभयारण्य में ईको ट्यूरिज्म को बढावा देने के लिए डेम में नौकायन, केफेटेरिया सहित कई सुविधाएं विकसित की गई है। एक सितंबर से पर्यटकों को ये सुविधाएं मिल सकेंगे। इसकी तैयारियां कर ली गई है।
सविता दहिया
उप वन संरक्षक वन्यजीव, चित्तौडग़ढ़

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