विधायक आक्या ने मंगलवार रात सदर थाने में दी रिपोर्ट में बताया कि 30 मई शाम 4 बजे उनको मोबाइल पर अज्ञात व्यक्ति के मोबाइल नंबर से फोन आया। अज्ञात व्यक्ति ने खुद को चित्तौड़ पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव बताते हुए इसी नंबर पर व्हाट्सएप कॉल करने को कहा। विधायक ने व्हाट्सएप कॉल किया तो उस व्यक्ति ने कहा कि उनका कोई रिश्तेदार उदयपुर के निजी अस्पताल में भर्ती है। वे 10 लाख रुपए की उदयपुर में व्यवस्था करवा दें। विधायक ने उसके लिए हां कर दी, क्योंकि जिस नंबर से फोन आया था उसमें भी दीपक भार्गव लिखा हुआ था।
पुलिस अधीक्षक से हुई बात तो खुली पोल
विधायक ने उदयपुर में रह रहे अपने चचेरे भाई महिपाल सिंह को फोन कर 10 लाख रूपए की व्यवस्था करने को कहा। 20 मिनट बाद विधायक ने पुलिस अधीक्षक भार्गव से मोबाइल पर संपर्क कर सारी बात बताई तो भार्गव ने बताया कि उन्होंने किसी प्रकार का फोन नहीं किया। इस पर विधायक ने चचेरे भाई से बात करके 10 लाख का भुगतान रुकवा दिया।
विधायक की रिपोर्ट पर सदर थाना पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर मोबाइल नंबर और लोकेशन के आधार पर आरोपी की पहचान रजत नगर, रामदेव रोड पाली निवासी सुरेश उर्फ भैया राम, उर्फ बैरिया पुत्र भंवरलाल घांची के रूप में की है। पुलिस गिरफ्तार कर उसके कब्जे से मोबाइल बरामद किया। जांच में सामने आया कि आरोपी पाली कोतवाली का हिस्ट्रीशीटर व शातिर ठग है।