सीएसआर फण्ड में बालकों का भी है अधिकार
चित्तौड़गढ़Published: Jun 18, 2021 01:37:15 pm
कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चे, परित्यक्त एवं परिवार में पालनकर्ता की मृत्यु होने पर उद्योगों के सीएसआर फण्ड में ऐसे बच्चों का भी अधिकार बताते हुए बाल कल्याण समिति ने आदेश जारी किया है।
सीएसआर फण्ड में बालकों का भी है अधिकार
चित्तौडग़ढ़
समिति की सचिव ललिता गुर्जर ने बताया कि समिति अध्यक्ष रमेशचन्द्र दशोरा व सदस्य मंजू जैन ने आदेश जारी कर जिले में संचालित हो रहे विभिन्न उपक्रम हिन्दुस्तान जिंक, बिरला सीमेंट, आदित्य सीमेंट, जेके सीमेंट, वण्डर सीमेंट व लाफार्ज सीमेंट सहित अन्य सभी उपक्रमों को भेजा है। जिसमें कहा गया है कि अब तक के सर्वेक्षण में बाल कल्याण समिति के समक्ष कोरोना काल में कुल 15 बालकों के अनाथ होने जिनके माता -पिता की मृत्यु हो गई है तथा 6 बालक जिनके माता या पिता की मृत्यु हुई है। 19 बालकों के परिवार में कमाने वाले पिता की मृत्यु होने की जानकारी के प्रकरण व सामने आए हैं। इस संबंध में अभी और सूचना प्राप्त की जा रही है। जिले में कोरोना महामारी में बालकों ने अपने परिवारजनों को खोया है। ऐसी परिस्थितियों में जिले में संचालित उपक्रमों का भी दायित्व बनता है कि इस महामारी में बालकों भी सहयोग करे। देश में चालीस प्रतिशत जनसंख्या बालकों की है। उपक्रमों का दायित्व है कि वह सीएसआर फण्ड में से चालीस प्रतिशत राशि जनसंख्या के अनुपात में बालकों के कल्याण के लिये खर्च करे, जिस पर बालकों का भी अधिकार बनता है। जो औद्योगिक संस्थान जिस क्षेत्र में है, उसे क्षेत्र में कोरोना से प्रभावित बालकों की सूची उपक्रमों को भिजवाई गई है। इनके लिए नि:शुल्क शिक्षा, आर्थिक सहायता कर योगदान करने को कहा गया है। सर्वोच्च न्यायालय ने भी बाल कल्याण समिति को बालकों को परिलाभ मिले, ऐसा सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं।